"कीमोथेरेपी": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
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यदि आप नकली दांत लगाते हैं, तो आपको उन्हें दिन में दो बार साफ करना चाहिए और खाने के बाद अच्छी तरह धोना चाहिए। उन्हें रात भर पानी में भिगो कर रखना चाहिए और उन्हें विसंक्रमित करने के लिए आपको हफ्ते में एक बार किसी जीवाणुनाशक घोल का इस्तेमाल करना चाहिए।
 
अपने मुंह को ताजगी देने और नम रखने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में द्रव पदार्थ पिएं। नमक के पानी से अपना मुंह साफ करना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है (लगभग 500 मिली। कुनकुने पानी में एक चाय की चम्मच भर नमक घोलें, इससे अपना मुंह साफ करें/गरारा करें और फिर कुल्ला कर दें)। यदि आपको नमक का प्रयोग करना पसंद नहीं है तो आप ताजे पानी से भी ऐसा कर सकते हैं।
 
यदि आपके मुंह में घाव हो जाते हैं, मुंह में फोड़े पड़ जाते हैं या मुंह के छाले हो जाते हैं तो आपको इसकी जानकारी सीधे अपने डॉक्टर को देनी चाहिए। वह आपको कोई ऐसा उपाय बता सकता है जिससे आपको दर्द से राहत मिल सके।
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== त्वचा और तंतुओं को नुकसान ==
कीमोथेरेपी की कुछ औषधियां, जो ड्रिप में या सुई द्वारा दी जाती हैं, अगर आपकी नस के बाहर रिस जाएं तो त्वचा और उसके आस-पास के क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अत्यधिक दुर्लभ स्थितियों में ही ऐसा होता है, लेकिन यह जरूरी है कि जिस जगह आपको ड्रिप लगी है, यदि आपको वहां दर्द या जलन का एहसास होता है तो आप अपनी नर्स को तुरन्त इस बारे में जानकारी दें।
== अन्य जानकारी ==
आपके उपचार के कई दिनों बाद तक आपके शरीर के द्रव पदार्थों (खून, पेशाब और उल्टी) में कुछ अंश में कीमोथेरेपी के तत्व मौजूद हो सकते है। हांलाकि इससे नुकसान पहुंचने का खतरा बहुत कम है, फिर भी यह जरूरी है कि दूसरों को कीमोथेरेपी के सम्पर्क में आने से बचाया जाए। इसलिए हमारी यह सलाह है कि आप टॉयलेट का इस्तेमाल करने के तुरन्त बाद पानी चला दें और अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं। यदि शरीर के द्रव पदार्थ फैल गए हों अथवा आपका हाथ उन पर लग गया हो तो आपको रबड़ के दस्ताने पहनने चाहिएं।