"बलिदान": अवतरणों में अंतर
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बलिदान का अर्थ होता अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देना। प्राचीन काल में राजा बलि ने वामन को दान में अपना शरीर और प्राण तक दे दिया था राजा बलि के इस दान से ही 'बलिदान' शब्द की व्युत्पत्ति हुई। (स्रोतः[http://www.agoodplace4all.com/valmikiramayan/vrbk5.php"विश्वामित्र का आश्रम (राजा बलि की कथा)"])
प्रयोग के अनुसार बलिदान शब्द के अनेक अर्थ हो जाते हैं। साधारणतः पशुओं का वध करके देवी देवताओं में चढ़ा देने को बलिदान समझा जाता है। किसी सत्कार्य के लिये अपना प्राण दे देना या अपने किसी प्रिय के प्राण ले लेना को भी बलिदान समझा जाता है। किसी अन्य की खुशी के लिये अपनी खुशियों को त्याग देना भी बलिदान का ही एक रूप है।
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