"पवन": अवतरणों में अंतर

छो HotCat द्वारा श्रेणी:पवन जोड़ी
छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
पंक्ति 18:
सौर विकिरण के प्रभाव से पृथ्वी और [[वायुमंडल]] असमान रूप से गरम होते हैं, जिससे पवन के रूप में वायुमंडलीय गति के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त होती है। परिणामी दाबप्रवणता (gradient) के कारण हवा के कण अधिक दबाव से कम दबाव की ओर जाने की प्रवृत्त होते हैं। अत: दाबप्रवणता की अधिकता हवा का प्रबल करती है।
 
पृथ्वी के घूर्णन के कारण चलती हवा पर आभावी विचालक बल, जिसे '''कोरियोलिस (corioles) बल''' कहते हैं, कार्य करता है। यह दूसरा महत्वपूर्ण कारक है। '''f''' अक्षांश पर कोरियोलिस बल '''2 m v w sin (f)''' से व्यक्त किया जाता है, जहाँ '''v''' वायुकरण का वेग, '''m''' वायुकरण की संहति और '''w''' धरती के घूर्णन का कोणीय वेग है। यह बल स्पष्ट कारणों से [[उत्तरी गोलार्ध]] में वायुकणों को दाईं ओर और [[दक्षिणी गोलार्ध]] में बाईं ओर विचलित करता है। इस बल का मान ध्रुवों पर अधिकतम और विषुवत् रेखा पर शून्य होता है।
 
पवन को प्रभावित करनेवाला तीसरा कारक अपकेंद्रीबल है, जो चक्रवातों और प्रतिचक्रवातों से उत्पन्न होता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पवन" से प्राप्त