"पारा": अवतरणों में अंतर
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पारद वायु में अप्रभावित रहता है, परंतु गरम करने पर यह ऑक्साइड या (HgO) बनता है, जो अधिक उच्च ताप पर फिर विघटित हो जाता है। यह तनु [[नाइट्रिक अम्ल]] और गरम सांद्र [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] में घुल जाता है। पारद के दो [[संयोजकता]] (१ और २) के यौगिक प्राप्त हैं। इसके लवणों का आयनीकरण न्यून मात्रा में होता है। इसके दो क्लोराइड यौगिक प्राप्त हैं। इनमें से एक मरक्यूरस क्लोराइड अथवा कैलोमेल, (Hg<sub>2</sub>Cl<sub>2</sub>) है, जिसका भारतीय ग्रंथों में 'कर्पूररस' और 'श्वेतभस्म' के नाम से वर्णन है। दूसरा मरक्यूरिक क्लोराइड, अथवा केरोसिव सब्लिमेट, (HgCl<sub>2</sub>), हैं, जो विषैला पदार्थ है। पारद के यौगिक अधिकतर [[विष|विषैले]] होते हैं, परंतु न्यून मात्रा में औषध रूप में दिए जाते हैं।
पारद के मरक्यूरस (१ संयोजकतावाले) और मरक्यूरिक (२ [[संयोजकता]] वाले), दोनों लवण, जटिल यौगिक (complex compunds) बनाते हैं। नेसलर का अभिकर्मक (Nessler's reagent) भी एक जटिल यौगिक है, जो मरक्यूरिक क्लोराइड,
==उपयोग==
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