"पिलखुवा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
|||
पंक्ति 1:
{{Infobox settlement
| name
| native_name
| native_name_lang
| other_name
| nickname
| settlement_type
| image_skyline
| image_alt
| image_caption
| pushpin_map
| pushpin_label_position
| pushpin_map_alt
| pushpin_map_caption
| latd
| latNS
| longd
| longEW
| coordinates_display
| subdivision_type
| subdivision_name
| subdivision_type1
| subdivision_name1
| subdivision_type2
| subdivision_name2
| established_title
| established_date
| founder
| named_for
| government_type
| governing_body
| unit_pref
| area_footnotes
| area_rank
| area_total_km2
| elevation_footnotes
| elevation_m
| population_total
| population_as_of
| population_rank
| population_density_km2
| population_demonym
| population_footnotes
| demographics_type1
| demographics1_title1
| demographics1_info1
| timezone1
| utc_offset1
| postal_code_type
| postal_code
| registration_plate
| website
| footnotes
}}
{{सफ़ाई}}
{{Infobox Indian Jurisdiction |
| नगर का नाम
| प्रकार
| प्रदेश
| जिला
| शासक पद 1 = [[चेयरमैन]]
| शासक का नाम
| शासक पद 2 = [[विधायक]]
| शासक का नाम 2 = श्री धर्मेश तोमर
| ऊँचाई
| जनगणना का वर्ष
| जनगणना स्तर
| जनसंख्या
| घनत्व
| क्षेत्रफल
| दूरभाष कोड
| पिनकोड
| वाहन रेजिस्ट्रेशन कोड = यूपी 37
| unlocode
| वेबसाइट =
| skyline =
| skyline_caption =
| टिप्पणियाँ
}}
'''पिलखुवा''' [[हापुड़]] का एक कस्बा है।
पिलखुवा क़स्बा पहले [[गाज़ियाबाद]] जिले का भाग था मगर सन २०११ में तत्कालीन बसपा सरकार के कार्यकाल में इसे हापुड़ जिले में शामिल कर दिया गया | पिलखुवा G.T. रोड पर दिल्ली से ४५ किलोमीटर पूर्व में स्थित है यहाँ की आबादी एक लाख से अधिक है इसके पूर्व में हापुड़ , पश्चिम में ग़ाज़ियाबाद, उत्तर में [[मोदीनगर]] व् दक्छिन में बुलंदशहर स्थित है . यह नगर दिल्ली-मुरादाबाद रेलवे लाइन पर स्थित है व् जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर है वर्तमान में पिलखुवा धौलाना विधान सभा व् ग़ाज़ियाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है
'''इतिहास''' -- पिलखुवा क़स्बा सन १७०० ईसवी में यहाँ रहने वाली मुस्लिम छीपी बिरादरी के पूर्वजों द्वारा बसाया गया, सन १७०० ईसवी में [[कलानौर]] से आकर बसे नत्थू सिंह राणा के दो पुत्र कल्याण सिंह व निहाल सिंह [ यहाँ आने के बाद इन दोनों भाइयों ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और करीमु राणा व रहीमु राणा के नाम से मशहूर हुए ] पिलखुवा में कन्खली झील के किनारे आबाद हुए, इन दो भाइयों की संताने छपाई का काम करने की वजह से छीपी कहलाती है | कुछ समय के बाद लाला गंगा सहाय नाम के एक व्यक्ति यहाँ आकर बस गए और इनकी संतान भी यहाँ बड़ी तादाद में रहती है, फिर आहिस्ता- आहिस्ता अन्य लोग भी आते गए और कारवां बनता गया |
|