"पुलस्त्य": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक वैदिक ऋषि|नाम = पुलस्त्य|परिचय = [[सप्तर्षि|सप्तर्षिगणों]] में से एक ऋषि|माता और पिता = [[ब्रह्मा]] के मानस पुत्र|पत्नी = हविर्भू (ऋषि [[कर्दम]] की पत्नी)|पुत्र = महर्षि [[अगस्त्य]], ऋषि [[विश्रवा]]|संदर्भ ग्रंथ = [[विष्णु पुराण]]|उत्पति स्थल = ब्रह्मा का मानस पटल|संस्कृत वर्तनी = पुलस्त्य ऋषि}}
'''पुलस्त्य''' या पुलस्ति (सिंहली: පුලස්ති/पुलस्ति, थाई: ท้าวจตุรพักตร์) हिन्दू
हिन्दू धर्म ग्रंथ पुलस्त्य के वंश के बारे में ये कहते हैं (यह सारांश है):
<blockquote>
पुलस्त्य ऋषि के पुत्र हुए [[विश्रवा]], कालान्तर में जिनके वंश में [[कुबेर]] एवं [[रावण]] आदि ने जन्म लिया तथा [[राक्षस|राक्षस जाति]] को आगे बढ़ाया। पुलस्त्य ऋषि का विवाह [[कर्दम]] ऋषि की नौ कन्याओं में से एक से हुआ जिनका नाम हविर्भू था। उनसे ऋषि के दो पुत्र उत्पन्न हुए --
</blockquote>
[[गोस्वामी तुलसीदास|तुलसीदास]] ने [[रावण]] के संबंध में उल्लेख करते हुए लिखा है- : ''उत्तम कुल पुलस्त्य कर गाती।''
== सन्दर्भ ==
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