"प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 14:
=== संवेदी पेशीय अवस्था ===
इस अवस्था में बालक केवल अपनी संवेदनाओं और शारिरीक क्रियाओं की सहायता से ज्ञान अर्जित करता है।
=== पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था ===
पंक्ति 33:
== ज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया एवं सरचना ==
जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास की प्रकिया में मुख्यतः दो बातों को महत्वपूर्ण माना है। पहला संगठन दूसरा अनुकूलन।
==बाहरी कड़ियाँ==
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