"फ़ारसी भाषा": अवतरणों में अंतर

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|image=[[चित्र:Farsi.svg|160px]]
|caption=[[अरबी-फ़ारसी लिपि]] के [[नस्तालीक़]] लहजे में नाम
|states= [[ईरान]], [[अफ़ग़ानिस्तान]], [[ताजिकिस्तान]], [[उज़्बेकिस्तान]] और [[बहरीन]].
[[भारत]], [[पाकिस्तान]], [[तुर्कमेनिस्तान]], [[कुवैत]], [[बहरीन]], [[क़तर]], [[तुर्की]], [[इज़राइल]], [[संयुक्त अरब अमीरात]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]], [[कनाडा]], [[रूस]], [[जर्मनी]], [[फ़्रांस]], [[स्पेन]], [[स्वीडन]] और [[ब्राज़ील]] में बसने वाले ईरानी, अफ़्ग़ान, [[ताजिक लोग|ताजिकी]] और [[उज़बेक लोग|उज़बेकी]] समुदायों में भी.
|region=[[मध्य पूर्व]], [[मध्य एशिया]]
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|agency=[[:en:Academy of Persian Language and Literature|फ़ारसी भाषा और साहित्य अकादेमी]]<br />[[:en:Academy of Sciences of Afghanistan|
अफ़्ग़ानिस्तान विज्ञान अकादेमी]]
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|lc1=fas|ld1=Persian|ll1=फ़ारसी भाषा
|lc2=prs|ld2=पूर्वी फ़ारसी
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== नाम ==
भारत में इसे फ़ारसी कहा जाता है। इसका मूल नाम 'पारसी' है पर अरब लोग, जिन्होंने फ़ारस पर सातवीं सदी के अंत तक अधिकार कर लिया था, की वर्णमाला में 'प' अक्षर नही होता है। इस कारण से वे इसे फ़ारसी कहते थे और यही नाम भारत में भी प्रयुक्त होता है। यूनानी लोग फार्स को पर्सिया (पुरानी ग्रीक में पर्सिस, Πέρσις) कहते थे। जिसके कारण यहाँ की भाषा ''पर्सियन'' (Persian) कहलाई। यही नाम अंग्रेज़ी सहित अन्य यूरोपीय भाषाओं में प्रयुक्त होता है।
 
== इतिहास ==