"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर
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'''बहाई पंथ''' उन्नीसवीं सदी के [[ईरान]] में सन १८४४ मे स्थापित एक नया [[धर्म]] है जो [[एकेश्वरवाद]] और विश्वभर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है।
इसकी स्थापना [[बहाउल्लाह]] ने की थी और इसके मतों के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्मों का एक ही मूल है। इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुँचाने के लिए नए धर्मों का प्रतिपादन किया जो उस समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों[[कृष्ण]], [[ईसा मसीह]], [[मुहम्मद]], [[बुद्ध]], [[जरथुस्त्र]], [[मूसा]]
बहाउल्लाह को कल्कि अवतार के रूप में माना जाता है जो सम्पूर्ण विश्व को एक करने हेतु आएं है और जिनका उद्देश्य और सन्देश है " समस्त पृथ्वी एक देश है और मानवजाति इसकी नागरिक"।
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वर्तमान युग में विभिन्न माध्यमों से आक्रामक विचारधारा, संस्कृति हमारे बच्चों के कोमल ह्रदयों एवं मस्तिष्क को प्रदूषित कर रही हैं और मापा-पिता के लिए एक गंभीर चुनौती बनाती जा रही है, ऐसे में अगर बचपन के प्रारंभ में ही आध्यात्मिक गुणों और नैतिक मूल्यों को आचरण में लाने की आदत डाल दी जाए तो इन्ही बच्चों की एक नई पीढ़ी स्वयं के तथा बेहतर विश्व के निर्माण में सक्षम हो सकती है।
=== किशोर युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम (११ से १५
समाज में रहने वाले नव-युवा वे किशोर युवा हैं जो ११-१५ वर्ष के होते हैं। वे एक विशेष समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी अपनी खास ज़रूरतें हैं क्योंकि वे अमूमन बचपन और यौवन के बीच
=== अधययन वृत्त कक्षाएँ (१५ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लिए)===
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