"बादरायण": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
पंक्ति 2:
'''बादरायण''' [[ब्रह्मसूत्र]] के रचयिता हैं। इन्होने [[वेद|वेदों]] का वर्गीकरण किया अतः उन्हें 'वेदव्यास' भी कहते हैं। कृष्ण वर्ण (काले रंग) तथा द्वीप पर वास करने के कारण इन्हें 'कृष्णद्वैपायन' भी कहते हैं।
 
: अचतुर्वेदनोब्रह्मा द्विबाहुरपरो हरिः।
: अफाललोचनश्शम्भुः भगवान बादरायणः ॥
 
==सन्दर्भ==