"बीबीसी हिन्दी": अवतरणों में अंतर
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इन साठ वर्षों में दुनिया में काफ़ी कुछ बदला है और हिन्दी सेवा हमेशा समय के साथ चलती रही है। अगर सही ख़बर चाहिए तो बीबीसी सुनिए, यह दुनिया भर में यह एक मुहावरा बन चुका है।
पिछले साठ साल से आप तक सही और निष्पक्ष समाचार पहुँचा रही है बीबीसी हिंदी सेवा विश्वसनीयता ने लोकप्रियता का रास्ता अपने आप खोल दिया।
इंटरनेट क्रांति बीबीसी के लिए नए अवसर लेकर आई है, आप तक पहुंचने और ताज़ा समाचार पहुंचाने का अवसर. हर रोज़ हज़ारों लोग [http://www.bbc.co.uk/hindi/ बीबीसी हिन्दी वेबसाइट] पर आते हैं और यह आंकड़ा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।
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बीबीसी लंदन से हिन्दी में प्रसारण पहली बार 11 मई 1940 को हुआ था। इसी दिन विंस्टन चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। बीबीसी हिन्दुस्तानी सर्विस के नाम से शुरु किए गए प्रसारण का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप के ब्रितानी सैनिकों तक समाचार पहुंचाना था। भारत की आज़ादी और विभाजन के बाद हिन्दुस्तानी सर्विस का भी विभाजन हो गया, और 1949 में जनवरी महीने में इंडियन सेक्शन की शुरुआत हुई।
इस सेवा की शुरुआत भारत के जाने-माने प्रसारक ज़ुल्फ़िकार बुख़ारी ने की थी, बाद में बलराज साहनी और जॉर्ज ऑरवेल जैसे शानदार प्रसारक हिन्दुस्तानी सेवा से जुड़े. पुरुषोत्तम लाल पाहवा, आले हसन, हरीशचंद्र खन्ना और रत्नाकर भारतीय जैसे शीर्ष प्रसारकों ने मोर्चा संभाला और हिन्दी सेवा ने झंडे गाड़ दिए।
1960 के दशक में आए महेंद्र कौल, हिमांशु कुमार भादुड़ी और ओंकारनाथ श्रीवास्तव, कैलाश बुधवार और भगवान प्रकाश 1970 के दशक में बीबीसी हिन्दी सेवा से जुड़े. 1980-1990 के दशकों में भी कई पत्रकार और प्रसारक आए और यह सिलसिला अब भी जारी है।
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