"बुक्क राय प्रथम": अवतरणों में अंतर
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[[संगम राजवंश]] में जन्मे '''बुक्क''' (ಬುಕ್ಕ ; 1357-1377 ई.) [[विजयनगर साम्राज्य]] के सम्राट थे। इन्हें '''बुक्क राय प्रथम'''
१४वीं सदी के पूर्वार्ध में दक्षिण भारत में [[तुंगभद्रा नदी]] के किनारे विजयनगर राज्य की स्थापना हुई थी जिसके संस्थापक बुक्क तथा उसके ज्येष्ठ भ्राता हरिहर का नाम इतिहास में विख्यात है। संगम नामक व्यक्ति के पाँच पुत्रों में इन्हीं दोनों की प्रधानता थी। प्रारंभिक जीवन में [[वारंगल]] के शासक [[प्रतापरुद्र द्वितीय]] के अधीन पदाधिकारी थे। उत्तर भारत से आक्रमणकारी मुसलमानी सेना ने वारंगल पर चढ़ाई की, अत: दोनों भ्राता (हरिहर एवं बुक्क) [[कांपिलि]] चले गए। १३२७ ई. में बुक्क बंदी बनाकर [[दिल्ली]] भेज दिया गया और [[इस्लाम धर्म]] स्वीकार करने पर दिल्ली सुल्तान का विश्वासपात्र बन गया। दक्षिण लौटने पर भारतीय जीवन का ह्रास देखकर बुक्क ने पुन: हिंदू धर्म स्वीकार किया और विजयनगर की स्थापना में हरिहर का सहयोगी रहा। ज्येष्ठ भ्राता द्वारा उत्तराधिकारी घोषित होने पर १३५७ ई. में विजयनगर राज्य की बागडोर बुक्क के हाथों में आई। उसने बीस वर्षों तक अथक परिश्रम से शासन किया। पूर्व शासक से अधिक भूभाग पर उसका प्रभुत्व विस्तृत था।
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बुक्क और उनके भाई हक्क (जिन्हें हरिहर प्रथम के नाम से भी जाना जाता है) के प्रारंभिक जीवन लगभग अज्ञात है और उनके प्रारंभिक जीवन का अधिकांश वर्णन विभिन्न मतों पर आधारित है (इनके अधिक विस्तृत वर्णन के लिए लेख विजयनगर साम्राज्य देखें)।
बुक्क राय के 21-वर्षीय शासनकाल (नूनीज़ के अनुसार 37) में, राज्य समृद्ध हुआ और इसका विस्तार जारी रहा क्योंकि बुक्क राय ने दक्षिण [[भारत|भारत]] के अधिकांश राज्यों पर विजय प्राप्त कर ली और अपने साम्राज्य की सीमाओं का सतत विस्तार जारी रखा।
अपने शासन-काल के दौरान बुक्क का बहमनी सुल्तानों के साथ भी संघर्ष चलता रहा।
== सन्दर्भ ==
* डॉ॰ सूर्यकांत यू. कामत, कंसाइस हिस्ट्री ऑफ़ कर्नाटका, एमसीसी, बैंगलोर, 2001 (पुनः प्रकाशित 2002)
* चोपड़ा पी.एन., टी.के. रविंद्रन और एन. सुब्रमण्यम <u>हिस्ट्री ऑफ़ साउथ इण्डिया</u>
* Dr. Suryanath U. Kamat, Concise history of Karnataka, MCC, Bangalore, 2001 (Reprinted 2002)
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