"मिश्रातु": अवतरणों में अंतर

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कुछ मुख्य '''अलौह मिश्रधातुएँ''' निम्नलिखित हैं:
 
(1) '''ऐल्युमिनियम-पीतल''' (Aluminimum-brass) - इसके संगठन में ताँबा, जस्ता और ऐल्युमिनियम हैं, जो क्रमश: 71-55, 26-42 तथा 1-6 प्रतिशत तक होते हैं। इसका उपयोग पानी के जहाजों तथा वायुयान के नोदकों (propeller) के निर्माण में होता है।
 
(2) '''ऐल्युमिनियम-कांसा''' - इसमें ताँबा 99-89 तथा ऐल्युमिनियम 1-11 प्रतिशत तक होता है। यह अति कठोर तथा संक्षारण अवरोधक होता है। इसके बरतन बनाए जाते हैं।
 
(3) '''बबिट (Babit) धातु''' - इसमें टिन, ऐंटीमनी तथा ताँबा की प्रतिशत मात्रा क्रमश: 89, 7.3 तथा 3.7 होती है। इसका मुख्य उपयोग बॉल बियरिंग बनाने में होता है।
 
(4) '''[[घंटा घातु]] (Bell metal)''' - इसमें ताँबा और टिन की प्रतिशत मात्रा क्रमश: 75-80 और 25-20 तक होती है। इससे घंटे आदि बनाए जाते हैं।
 
(5) '''[[पीतल]]''' - इसमें ताँबा 73-66 तथा जस्ता 27-34 प्रतिशत तक होता है। इसका उपयोग चादर, नली तथा बरतन बनाने में होता है।
 
(6) '''कार्बोलाय (Carboloy)''' - यह टंग्स्टन कार्बाइड तथा कोबल्ट की मिश्रधातु है। इससे रगड़ने और काटने वाले यंत्र बनाए जाते हैं।
 
(7) '''कॉन्स्टैंटेन (Constantan)''' - इसमें तांबा 60-45, निकल 40-55, मैगनीज 0-1.4, कार्बन 0.1 प्रतिशत तथा शेष लोहा होता है। इसका उपयोग वैद्युत-तापमापक यंत्रों तथा ताप वैद्युत-युग्म (thermocouple) बनाने में होता है, क्योंकि यह विद्युत्‌ का प्रबल प्रतिरोधक होता है।
 
(8) '''डेल्टा धातु (Delta metal)''' - इसमें ताँबा 56-54, जस्ता 40-44, लोहा 0.9-1.3, मैंगनीज 0.8-1.4 और सीसा 0.4-1.8 प्रतिशत तक होता है। यह मृदु इस्पात के समान मजबूत है, किंतु उसकी तरह सरलता से जंग खाकर नष्ट नहीं होती। इसका उपयोग पानी के जहाज बनाने में होता है।
 
(9) '''डो धातु (Dow metal)''' - इसमें मैग्नीशियम 90-96, ऐल्युमिनियम 10-4 प्रतिशत तक तथा कुछ अंशों में मैंगनीज़ होता है। इसका उपयोग मोटर तथा वायुयान के कुछ हिस्सों को बनाने में होता है।
 
(10) '''[[जर्मन सिलवर]]''' - इसमें ताँबा 55, जस्ता 25 और निकल 20 प्रतिशत होता है। कुछ वस्तुओं को बनाने में चाँदी के स्थान पर इसका उपयोग करते हैं, क्योंकि इससे बनी वस्तुएँ चाँदी के समान ही होती हैं।
 
(11) '''हरित स्वर्ण (Green gold)''' - इसमें सोना, चाँदी और कैडमियम, क्रमश: 75, 11-25 तथा 13-0 प्रतिशत तक, होते हैं। इसके आभूषण बनाए जाते हैं।
 
(12) '''[[गन मेटल]] (Gun metal)''' - इसमें ताँबा 95-71, टिन 0-11, सीसा 0.-13, जस्ता 0-5 तथा लोहा 0-1.4 प्रतिशत तक होता है। इससे बटन, बिल्ले, थालियाँ तथा दाँतीदार चक्र (gear) बनाए जाते हैं।
 
(13) '''मैग्नेलियम (Magnalium)''' - इसमें ऐल्युमिनियम 95-70 प्रतिशत तथा मैग्नीशियम 5-30 प्रतिशत तक होता है। यह मिश्रधातु हल्की होती है। इसका उपयोग विज्ञान संबंधी यंत्रों तथा तुलादंड बनाने में होता है।
 
(14) '''[[नाइक्रोम]] (Nichrome)''' - इसमें निकल 80-54, क्रोमियम 10-22, लोहा 4.8-27 प्रतिशत तक होते हैं। ऊँचे ताप पर इसका संक्षारण नहीं होता तथा इसका वैद्युत प्रतिरोध अधिक होता है। इसका उपयोग ऊष्मक (heater) बनाने में होता है।
 
(15) '''पालौ (Palau)''' - इसमें सोना 80 तथा पैलेडियम 20 प्रतिशत होते हैं। मूषा (crucibles) और थाली बनाने में प्लैटिनम के स्थान पर इसका उपयोग किया जाता है।
 
(16) '''पर्मलॉय (Permalloy)''' - इसमें निकल 78, लोहा 21, कोबल्ट 0.4 प्रतिशत तथा शेष मैगनीज, ताँबा, कार्बन, गंधक और सिलीकन होते हैं। इससे टेलीफोन के तार बनाए जाते हैं।
 
(17) '''[[सोल्डर]] (Solder)''' - इसमें सीसा 97 तथा टिन 33 प्रतिशत होते हैं। यह धातु दो धातुओं को आपस में जोड़ने के काम आती है।
 
(18) '''शॉट धातु (Shot metal)''' - इसमें सीसा 99 तथा आर्सेनिक 1 प्रतिशत होता है। इससे बंदूक की गीली तथा छरें बनाए जाते हैं।
 
(19) '''टिन की पन्नी (Tin foil)''' - इसमें टिन 88, सीसा 8, ताँबा 4 और ऐंटिमनी 0.5 प्रतिशत होते हैं। यह पन्नी सिगरेट और खाद्य वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिये उनके ऊपर लपेटी जाती है।
 
(20) '''उड की धातु (Wood metal)''' - यह मिश्रधातु सर्वप्रथम उड ने बनाई थी। इसमें बिस्मथ 50, सीसा 25, टिन 13 और कैडमियम 13 प्रतिशत होते हैं। इसका गलनांक बहुत कम होता है। आग को पानी छिड़क कर बुझानेवाले, स्वचालित यंत्रों में, जो प्लग (plug) लगा रहता है वह इस मिश्रधातु का बना होता है।
 
=== लोह मिश्रधातुएँ ===