"मीर तक़ी मीर": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox writer
| name = [[मुग़ल सल्तनत|मुग़ल ज़माने]] के [[उर्दू शायर]]<br />'''मीर तक़ी मीर'''
| image = Mir Taqi Mir 1786.jpg
| imagesize =
| caption =
| pseudonym = ''मीर''
| birth_date = १७२३
| birth_place = [[आगरा]]
| death_date = १८१० (आयु ८७)
| death_place = [[लखनऊ]]
| occupation = [[उर्दू शायर]]
| nationality = [[भारतीय]]
| period = [[मुग़ल सल्तनत|मुग़ल काल]]
| genre = ''[[ग़ज़ल]]''
| subject = इश्क़, दर्शन
| movement =
| debut_works = ''कलाम-ए-मीर''
| influences = [[अमीर ख़ुसरो]]
| influenced = [[उर्दू शायरी]], [[ग़ालिब]]
| signature =
| website =
| footnotes =
}}
'''ख़ुदा-ए-सुखन मोहम्मद तकी''' उर्फ ''मीर तकी "मीर" '' ([[1723]] - 20 सितम्बर [[1810]]) [[उर्दू]] एवं [[फ़ारसी]] भाषा के महान शायर थे। मीर को उर्दू के उस प्रचलन के लिए याद किया जाता है जिसमें फ़ारसी और हिन्दुस्तानी के शब्दों का अच्छा मिश्रण और सामंजस्य हो। [[अहमद शाह अब्दाली]] और [[नादिरशाह]] के हमलों से कटी-फटी दिल्ली को मीर तक़ी ''मीर'' ने अपनी आँखों से देखा था। इस त्रासदी की व्यथा उनकी रचनाओं मे दिखती है। अपनी ग़ज़लों के बारे में एक जगह उन्होने कहा था-