"रघुवंशम्": अवतरणों में अंतर

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:'''शैशवेऽभ्यस्तविद्यानां यौवने विषयैषिणाम्।'''
:'''वार्धके मुनिवृत्तीनां योगेनानन्ते तनुत्यजाम् ॥'''
(''सत्पात्र को दान देने के लिए धन इकट्ठा करनेवाले, सत्य के लिए मितभाषी, यश के लिए विजय चाहनेवाले, और संतान के लिए [[विवाह]] करनेवाले, बाल्यकाल में विद्याध्ययन करने वाले, यौवन में सांसारिक भोग भोगने वाले, बुढ़ापे में मुनियों के समान रहने वाले और अन्त में [[योग]] के द्वारा शरीर का त्याग करने वाले (राजाओं का वर्णन करता हूँ)'')
 
== रघुवंश की कथा ==