"भारतीय राष्ट्रीय पंचांग": अवतरणों में अंतर

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! माह
! अवधि
! देशज नाम
! शुरुआत की तिथि (ग्रेगोरियन)
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| align="right" | 1
| [[चैत्र]] || 30/31 || चैत ||मार्च 22*
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| [[वैशाख]] || 31 || बैसाख||अप्रेल 21
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| [[जयेष्ठ (मास)|जयेष्ठ]] || 31 || जेठ ||मई 22
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| align="right" | 4
| [[आषाढ़]] || 31 || असाढ़ ||जून 22
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| align="right" | 5
| [[श्रावण]] || 31 || सावन ||जुलाई 23
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| align="right" | 6
| [[भाद्रपद]] || 31 || भादों ||अगस्त 23
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| align="right" | 7
| [[आश्विन]] || 30 || अस्विन ||सितम्बर 23
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| [[कार्तिक]] || 30 || कार्तिक||अक्टूबर 23
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| align="right" | 9
| [[अग्रहायण]] || 30 || अगहन ||नवम्बर 22
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| align="right" | 10
| [[पौष]] || 30 || पूस ||दिसम्बर 22
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| align="right" | 11
| [[माघ]] || 30 || माघ ||जनवरी 21
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| align="right" | 12
| [[फाल्गुन]] || 30 || फागुन ||फरवरी 20
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अधिवर्ष में, चैत्र मे 31 दिन होते हैं और इसकी शुरुआत 21 मार्च को होती है। वर्ष की पहली छमाही के सभी महीने 31 दिन के होते है, जिसका कारण इस समय [[कांतिवृत्त]] में सूरज की धीमी गति है।
 
महीनों के नाम पुराने, [[हिंदू]] [[चन्द्र-सौर पांचांगपंचांग]] से लिए गये हैं इसलिए वर्तनी भिन्न रूपों में मौजूद है, और कौन सी तिथि किस कैलेंडर से संबंधित है इसके बरेबारे मे भ्रम बना रहता है।
 
[[शीलवाहन युग|शक् युग ]], का पहला वर्ष सामान्य युग के 78 वें वर्ष से शुरु होता है, अधिवर्ष निर्धारित करने के शक् वर्ष मे 78 जोड़ दें- यदि ग्रेगोरियन कैलेंडर मे परिणाम एक अधिवर्ष है, तो शक् वर्ष भी एक अधिवर्ष ही होगा।