"रवीन्द्र कालिया": अवतरणों में अंतर
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| name = रवीन्द्र कालिया
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| birth_place = जालंधर
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| movement = साठोत्तरी
| notableworks = नौ साल छोटी पत्नी, गालिब छुटी शराब,खुदा सही सलामत है, ए.बी.सी.डी., 17 रानडे रोड <!-- or: | notablework = -->
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|death_date=09/01/2016
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हिंदी साहित्य में रवींद्र कालिया की ख्याति [[उपन्यासकार]], [[कहानीकार]] और संस्मरण लेखक के अलावा एक ऐसे बेहतरीन [[संपादक]] के रूप में है, जो मृतप्राय: पत्रिकाओं में भी जान फूंक देते हैं। रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज़ और बाज़ार का खेल दोनों का पता है।
11 नवम्बर, 1939 को जालंधर में जन्मे रवीन्द्र कालिया हाल ही में [[भारतीय ज्ञानपीठ]] के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं,
[[धर्मयुग]] में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है। रवीन्द्र कालिया '''ग़ालिब छुटी शराब''' में लिखते हैं
“मोहन राकेश ने अपने मोटे चश्मे के भीतर से खास परिचित निगाहों से देखते हुए उनसे पूछा / ‘बम्बई जाओगे?'
रवीन्द्रजी ने वागर्थ, गंगा जमुना, वर्ष का प्रख्यात कथाकार [[अमरकांत]] पर एकाग्र अंक, [[मोहन राकेश]] संचयन, [[अमरकांत]] संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन किया है।
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* गालिब छुटी शराब
=== व्यंग्य संग्रह ===
* नींद क्यों रात भर नहीं आती
* राग मिलावट माल कौंस
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