"रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक लेखक
| नाम
| चित्र
| चित्र आकार
| चित्र शीर्षक
| उपनाम
| जन्मतारीख़
| जन्मस्थान = कोइरीपुर गाँव, '''[[सुल्तानपुर]]''', [[उत्तर प्रदेश]], [[भारत]]
| मृत्युतारीख़
| मृत्युस्थान = [[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]], [[भारत]]
| कार्यक्षेत्र
| राष्ट्रीयता = [[भारत|भारतीय]]
| भाषा
| काल
| विधा
| विषय
| आन्दोलन
| प्रमुख कृति = [[पथिक]] १९२० ई., [[कविता कौमुदी]], [[मिलन]] १९१७ ई., [[स्वपनों के चित्र]] १९३० ई.
| प्रभाव डालने वाला
| प्रभावित
| हस्ताक्षर
| जालपृष्ठ
| टीका-टिप्पणी
| मुख्य काम
}}
'''रामनरेश त्रिपाठी''' (4 मार्च, 1889 - 16 जनवरी, 1962) [[हिन्दी]] भाषा के 'पूर्व [[छायावादी युग|छायावाद युग]]' के [[कवि]] थे। कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, बाल साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने 72 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने लगभग सौ पुस्तकें लिखीं। ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के प्रथम कवि थे जिसे 'कविता कौमुदी' के नाम से जाना जाता है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना और चुना। वह [[महात्मा गांधी|गांधी]] के जीवन और कार्यो से अत्यंत प्रभावित थे। उनका कहना था कि मेरे साथ गांधी जी का प्रेम 'लरिकाई को प्रेम' है और मेरी पूरी मनोभूमिका को सत्याग्रह युग ने निर्मित किया है। 'बा और बापू' उनके द्वारा लिखा गया हिंदी का पहला एकांकी नाटक है।
‘स्वप्न’ पर इन्हें हिंदुस्तान अकादमी का पुरस्कार मिला।<ref name=":0">{{Cite web|url = http://www.nayaindia.com/youth-career/ram-naresh-tripathi-241915.html|title = रामनरेश त्रिपाठी|accessdate = २६ जून २०१५|date = १६ जनवरी २०१४|publisher = nayaindia.com|author = नया इंडिया टीम}}</ref>
पंक्ति 30:
== जीवनी ==
===जन्म एवं प्रारम्भिक शिक्षा===
[[उत्तर प्रदेश]] के '''[[सुल्तानपुर]]''' जिले के ग्राम [[कोइरीपुर]] में 4 मार्च, 1889 ई.<ref name=":1">{{Cite web|url = http://www.abhivyakti-hindi.org/sansmaran/vyaktitva/ramnaresh_tripathi.htm|title = रचनाधर्मिता के बृहस्पति- रामनरेश त्रिपाठी|author = अवध वैरागी|publisher = abhivyakti-hindi.org|date = १७ फरवरी २०१४|accessdate = २६ जून २०१५}}</ref> को एक कृषक परिवार में जन्मे रामनरेश त्रिपाठी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अत्यन्त प्रेरणादायी था। उनके पिता पं॰ रामदत्त त्रिपाठी धार्मिक व सदाचार परायण [[ब्राह्मण]] थे। भारतीय सेना में [[सूबेदार]] के पद पर रह चुके पंडित रामदत्त त्रिपाठी का रक्त पंडित रामनरेश त्रिपाठी
पं. त्रिपाठी की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई। कनिष्ठ कक्षा उत्तीर्ण कर हाईस्कूल वह निकटवर्ती जौनपुर जिले में पढ़ने गए मगर वह दसवीं की शिक्षा पूरी नहीं कर सके। अट्ठारह वर्ष की आयु में पिता से अनबन होने पर वह [[कोलकाता|कलकत्ता]] चले गए।
पंक्ति 62:
*'''पथिक''' (1920) २१ दिनों में रचित
*'''मानसी''' (1927) और
*'''स्वप्न''' (1929)
पं. रामनरेश त्रिपाठी जी की अन्य प्रमुख कृतियां इस प्रकार हैं<ref>{{Cite web|url = http://www.hindibhawan.com/linkpages_hindibhawan/gaurav/links_HKG/HKG34.htm|title = हिंदी के गौरव: रामनरेश त्रिपाठी|accessdate = २०१५-०६-२६|publisher = हिन्दी भवन}}</ref>-
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