"विजय तेंडुलकर": अवतरणों में अंतर

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[[१९६१]] में उनका लिखा नाटक 'गिद्ध' खासा विवादास्पद रहा। 'ढाई पन्ने','शांताता! कोर्ट चालू आहे', 'घासीराम कोतवाल' और 'सखाराम बाइंडर' विजय तेंडुलकर के लिखे बहुचर्चित नाटक हैं। जिन्होंने [[मराठी]] थियेटर को नवीन ऊँचाइयाँ दीं। कहा जाता है कि उनके सबसे चर्चित [[नाटक]] [[घासीराम कोतवाल]] का छह हज़ार से ज़्यादा बार मंचन हो चुका है। इतनी बड़ी संख्या में किसी और भारतीय [[नाटक]] का अभी तक मंचन नहीं हो सका है।<ref>[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2008/05/080519_vijaytendulkar_died.shtml नाटककार विजय तेंदुलकर का निधन]</ref> उनके लिखे कई नाटकों का [[हिन्दी]] समेत दूसरी भाषाओं में अनुवाद और मंचन हुआ है। पाँच दशक से ज़्यादा समय तक सक्रिय रहे तेंडुलकर ने [[रंगमंच]] और फ़िल्मों के लिए लिखने के अलावा कहानियाँ और उपन्यास भी लिखे। नए प्रयोग, नई चुनौतियों से वे कभी नहीं घबराए, बल्कि हर बार उनके लिखे नाटकों में मौलिकता का अनोखा पुट होता था। कल्पना से परे जाकर सोचना उनका विशिष्ट अंदाज था। भारतीय नाट्य जगत में उनकी विलक्षण रचनाएँ सम्मानजनक स्थान पर अंकित रहेंगी। सत्तर के दशक में उनके कुछ नाटकों को विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन वास्तविकता से जुड़े इन नाटकों का मंचन आज भी होना उनकी स्वीकार्यता का प्रमाण है। उनकी लिखी पटकथा वाली कई कलात्मक फ़िल्मों ने समीक्षकों पर गहरी छाप छोड़ी। इन फ़िल्मों में अर्द्धसत्य, निशांत, आक्रोश शामिल हैं। हिंसा के अलावा सेक्स, मौत और सामाजिक प्रक्रियाओं पर उन्होंने लिखा। उन्होंने [[भ्रष्टाचार]], महिलाओं और गरीबी पर भी जमकर लिखा।
 
* '''नाटक''' - [[अजगर आणि गंधर्व]], [[अशी पाखरे येती]], [[एक हट्टी मुलगी]], [[कन्यादान]], कमला, [[कावळ्याची शाळा]], [[गृहस्थ]], [[गिधाडे]], [[घरटे अमुचे छान]], [[घाशीराम कोतवाल]], [[चिमणीचं घर होतं मेणाचं]], छिन्न, [[झाला अनंत हनुमंत]], देवाची माणसे, [[दंबद्वीपचा मुकाबला]], पाहिजे, [[फुटपायरीचा सम्राट]], भल्याकाका, भाऊ मुरारराव, [[भेकड]], बेबी, [[मधल्या भिंती]], [[माणूस नावाचे बेट]], मादी (हिंदी), मित्राची गोष्ट, [[मी जिंकलो मी हरलो]], [[शांतता! कोर्ट चालू आहे]], [[श्रीमंत]], [[सखाराम बाईंडर]], [[सरी गं सरी]]
* '''एकांकी''' - अजगर आणि गंधर्व, थीफ : पोलिस, रात्र तथा अन्य एकांकी
* '''[[बाल नाट्य|बालनाट्य]]''' - इथे बाळे मिळतात, चांभारचौकशीचे नाटक, चिमणा बांधतो बंगला, पाटलाच्या पोरीचे लगीन, बाबा हरवले आहेत, बॉबीची गोष्ट, मुलांसाठी तीन नाटिका, राजाराणीला घाम हवा..