"श्रद्धाराम शर्मा": अवतरणों में अंतर

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{{आज का आलेख}}
{{ज्ञानसन्दूक लेखक
| नाम = पं॰ श्रद्धाराम शर्मा
| चित्र = Shraddharam.jpg
| चित्र आकार = 200px
| चित्र शीर्षक = पं॰ श्रद्धाराम शर्मा
| उपनाम =
| जन्मतारीख़ = [[१८३७]]
| जन्मस्थान = [[फिल्लौर]], [[पंजाब]], तत्कालीन[[भारत]]
| मृत्युतारीख़ = [[२४ जून]], [[१८८१]]
| मृत्युस्थान = [[लाहौर]], [[पंजाब]], तत्कालीन[[भारत]]
| कार्यक्षेत्र = धर्म प्रचारक, लेखक
| राष्ट्रीयता = [[भारत|भारतीय]]
| काल = [[आधुनिक काल]]<!--is this for her writing period, or for her life period? I'm not sure...-->
| विधा = गद्य और पद्य
| विषय = [[गीत]], [[गद्य]]
| आन्दोलन = [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]
| प्रमुख कृति = [[ओम जय जगदीश हरे]](आरती)<br />[[भाग्यवती]](उपन्यास)
| प्रभाव डालने वाला = <!--यह लेखक किससे प्रभावित होता है-->
| प्रभावित = <!--यह लेखक किसको प्रभावित करता है-->
| हस्ताक्षर =
| जालपृष्ठ =
| टीका-टिप्पणी =
| मुख्य काम =
}}
'''पं. श्रद्धाराम शर्मा (या श्रद्धाराम फिल्लौरी)''' ([[१८३७]]-[[२४ जून]] [[१८८१]]) लोकप्रिय [[आरती]] [[ओम जय जगदीश हरे]] के रचयिता हैं। इस आरती की रचना उन्होंने १८७० में की थी। वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा [[हिन्दी]] और [[पंजाबी]] के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।<ref>{{cite web |url=http://www.tribuneindia.com/1998/98sep27/sunday/head6.htm|title=द क्रियेटर ऑफ़ ओम जय जगदीश हरे|accessmonthday=[[१२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher= द ट्रिब्यून |language=अंग्रेज़ी}}</ref> अपनी विलक्षण प्रतिभा और ओजस्वी वक्तृता के बल पर उन्होने पंजाब में नवीन सामाजिक चेतना एवं धार्मिक उत्साह जगाया जिससे आगे चलकर [[आर्य समाज]] के लिये पहले से निर्मित उर्वर भूमि मिली।
== जीवन परिचय ==
पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले [[जालंधर जिला|जालंधर]] में स्थित [[फिल्लौर]] शहर में हुआ था।<ref>{{cite book |last=कालिया |first=रवींद्र |title= ज़रा सी रौशनी|year=२००२ |publisher=लोकभारती प्रकाशन, |location=इलाहाबाद|id= |page=१२० |accessday= १२|accessmonth= दिसंबर|accessyear= २००८}}</ref> उनके पिता जयदयालु खुद एक अच्छे ज्योतिषी थे। उन्होंने अपने बेटे का भविष्य पढ़ लिया था और भविष्यवाणी की थी कि यह एक अद्भुत बालक होगा। बालक श्रद्धाराम को बचपन से ही धार्मिक संस्कार विरासत में मिले थे। उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढाई की। दस साल की उम्र में संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी तथा ज्योतिष की पढाई शुरु की और कुछ ही वर्षो में वे इन सभी विषयों के निष्णात हो गए।<ref name="हिन्दी मीडिया">{{cite web |url=http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=1255&Itemid=54|title=उनके शब्द गूंजते हैं हर घर और मंदिर में|accessmonthday=[[१२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= पीएचपी|publisher= हिन्दी मीडिया|language=}}</ref> उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था। २४ जून १८८१ को लाहौर में उनका देहावसान हुआ।<ref>{{cite web |url=http://www.tribuneindia.com/2005/20050317/aplus.htm#15| title=हिन्दी नॉवेल्स फ़र्स्ट क्रेडल|accessmonthday=[[१२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher=द ट्रिब्यून|language=अंग्रेज़ी}}</ref>
 
== कार्यक्षेत्र ==