"हेच -1बी वीज़ा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक लिप्यंतरण |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 20:
हालांकि किसी नियोक्ता के लिये एक एच-1बी वीज़ा अनुमति के अनुरूप एच-1बी गैर-आप्रवासी को नौकरी पर रखने से पूर्व पद का विज्ञापन देना आवश्यक नहीं होता, लेकिन नियोक्ता के लिये कर्मचारी के प्रतिनिधि को एलसीए (लेबर कंडीशन ऐप्लीकेशन) के बारे में सूचित करना आवश्यक होता है या यदि ऐसा कोई प्रतिनिधि मौजूद न हो, तो नियोक्ता के लिये यह आवश्यक होता है कि नियोक्ता कार्यस्थल पर या अपने कार्यालय में एलसीए प्रकाशित करे.<ref name="murthy">{{Citation
नियोक्ताओं को यह अनुप्रमाणित करना चाहिये कि दिया जाने वाला वेतन कम से कम उस वेतन के बराबर है, जो नियोक्ता द्वारा उसी कार्य के लिये समान अनुभव व अर्हताओं वाले अन्य कर्मचारियों को दिया जाता है, अथवा वैकल्पिक रूप से कार्य के अभीष्ट क्षेत्र के लिये प्रचलित वेतन दिया जाना चाहिये, जो भी अधिक हो. एलसीए पर हस्ताक्षर करने पर, नियोक्ता यह अनुप्रमाणित करता है कि: कार्य-क्षेत्र के लिये प्रचलित वेतन दर पर भुगतान किया जाएगा; कार्यस्थल की परिस्थितियां उसी प्रकार के कार्य के लिये नियुक्त अमरीकी कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव नहीं डालेंगी; कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार का ऐसा कोई श्रम-विवाद नहीं है, जिसमें हड़ताल या बंद शामिल हो;<ref name="murthy"/><ref name="workpermitcom"/> और यह कि उसी प्रकार के कार्य के लिये उसके अन्य कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ के बराबर ही विदेशी कर्मचारी को भी लाभ दिये जाएंगे.<ref>{{cite web |title=USDOL Targeting H-1B Pay/Benefits Compliance |first=Kim |last=Thompson |date= जनवरी 6, 2011 |work=Mondaq Business Briefing |publisher=Fisher & Phillips LLP |url=http://www.mondaq.com/unitedstates/article.asp?article_id=119524 }}</ref>
पंक्ति 101:
''कम्प्यूटरवर्ल्ड (Computerworld)'' में सन 2002 के अपने एक लेख में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्री मिल्टन फ्रायडमैन ने इस कार्यक्रम को एक व्यापारिक सब्सिडी क़रार दिया.<ref>[http://www.computerworld.com/careertopics/careers/labor/story/0,10801,72848,00.html एच-1बी इज़ जस्ट अनादर गवर्नमेंट.][http://www.computerworld.com/careertopics/careers/labor/story/0,10801,72848,00.html सब्सिडी]</ref> हालांकि, इस उद्धरण की अचूकता की पड़ताल नहीं की जा सकती क्योंकि श्री फ्रायडमैन की अब मृत्यु हो चुकी है। यही दृष्टिकोण रखनेवाले अन्य लोगों में डॉ॰ नॉर्मन मैटलॉफ शामिल हैं, जिन्होंने एच-1बी पात्रों के आप्रवासन की अमरीकी संसद की न्यायिक समिति की उप-समिति (U.S. House Judiciary Committee Subcommittee) के समक्ष बयान दिया था। ''यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन जर्नल ऑफ लॉ रिफॉर्म (University of Michigan Journal of Law Reform)'' के लिये मैटलॉफ के शोध-पत्र में यह दावा किया गया है कि कम्प्यूटर-संबंधी अमरीकी नौकरियों की पूर्ति करने के लिये अर्ह अमरीकी नागरिकों की कोई कमी नहीं रही है और अमरीकी संस्थानों में श्रमिकों की कमी की पूर्ति के लिये एच-1बी वीज़ा की आवश्यकता के प्रमाण के रूप प्रस्तुत किया जाने वाला डेटा त्रुटिपूर्ण था।<ref>[http://heather.cs.ucdavis.edu/Mich.pdf ऑन द नीद फॉर रिफोर्म ऑफ़ द एच-1बी नॉन-इमिग्रैंट वर्क वीज़ा इन कंप्यूटर-रिलेटेड ऑक्युपेशन]</ref> सन 2000 की एक रिपोर्ट में यूनाइटेड स्टेट्स जनरल अकाउंटिंग ऑफिस ने पाया कि एच-1 बी कार्यक्रम के नियंत्रण की प्रभावकारिता में कमी थी।<ref>http://www.gao.gov/archive/2000/he00157.pdf [जीएओ (GAO) रिपोर्ट ऑन एच-1बी फॉरेन वर्कर्स]</ref> बाद में, जीएओ (GAO) रिपोर्ट की अनुशंसाएं लागू कीं गईं. कांग्रेस से एच-1बी वीज़ा की 65,000 की अधिकतम वार्षिक सीमा को बढ़ाने की अपील करते समय हाई-टेक कंपनियां अक्सर तकनीकी-कर्मियों की कमी की बात कहती हैं, लेकिन जॉन मियानो व सेंटर फॉर इमीग्रेशन स्टडीज़ (Center for Immigration Studies) द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार इस दावे की पुष्टि करने वाला कोई अनुभवजन्य डेटा मौजूद नहीं है।<ref name="2008-cis">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/07/2010
| author
|date=June 2008
| publisher
}}</ref> ड्यूक, एल्फ्रेड पी. स्लोआन फाऊंडेशन (Alfred P. Sloan Foundation), जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी (Georgetown University) व अन्य स्थानों पर किये गये अध्ययनों का उल्लेख करते हुए आलोचकों ने यह तर्क भी दिया है कि कुछ वर्षों में ही, आयातित विदेशी प्रोग्रामरों और इंजीनियरों की संख्या उद्योग द्वारा निर्मित नौकरियों की संख्या से भी अधिक हो गई।<ref name="false-shortages-studies">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/07/2010
| author
|year=2010
| publisher
}}</ref> संगठनों ने एच-1बी वीज़ा से हुई हानि संबंधी रिपोर्टों के सैकड़ों प्रत्यक्ष मामले भी प्रकाशित किये हैं, जिनकी जानकारी सीधे उन व्यक्तियों से प्राप्त हुई है, जिन्हें इस कार्यक्रम से हानि हुई है और जिनमें से कई लोग प्रसार-माध्यमों से बात करने को तैयार हैं।<ref name="harm-report">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/07/2010
| author
|year=2010
| publisher
}}</ref>
पंक्ति 130:
=== वेतन में कमी ===
आलोचकों को एच-1बी कार्यक्रम से एक अन्य गंभीर शिकायत वेतन में आने वाली कमी को लेकर है: कुछ अध्ययनों ने यह पाया है कि एच-1बी कर्मचारियों को अमरीकी कर्मचारियों की तुलना में लक्षणीय रूप से कम वेतन दिया जाता है।<ref>[http://www.cis.org/articles/2007/back407.html लो सैल्रिज़ फॉर लो स्किल्स: वेजेज़ एंड स्किल लेवेल्स फॉर एच-1बी कंप्यूटर वर्कर्स, 2005] जॉन एम. मिअनो</ref><ref>[http://www.cis.org/articles/2005/back1305.html द बौटम ऑफ़ द पे स्केल: वेजेज़ फॉर एच-1बी कंप्यूटर प्रोग्रैमर्स] जॉन एम. मिअनो</ref> यह दावा किया गया है<ref name="underpay">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|year=2001
| publisher
}}</ref><ref name="numbersusa">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|year=2010
| publisher
}}</ref><ref name="visa-bailout">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date= फ़रवरी 18, 2009
| publisher
}}</ref><ref name="hira-shortage">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=Jan 12, 2008
| publisher
}}</ref><ref name="lowell">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=October 2007
| publisher
}}</ref><ref name="lowell">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=Spring 2007
| publisher
}}</ref> कि एच-1बी कार्यक्रम का प्रयोग मुख्यतः सस्ते श्रम-बल के एक स्रोत के रूप में किया जाता है। नैशनल ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक रिसर्च (National Bureau of Economic Research) के लिये हार्वर्ड के प्रोफेसर जॉर्ज जे. बोर्जास द्वारा प्रस्तुत एक [http://www.nber.org/papers/w12085 शोध-पत्र] में यह पाया गया कि "डॉक्टोरेट-उपाधि प्राप्त लोगों की संख्या में आप्रवासन-प्रेरित 10 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिस्पर्धी कर्मचारियों के वेतन में लगभग 3 से 4 प्रतिशत की कमी ले आती है।"{{Citation needed|date=November 2009}}
पंक्ति 178:
ये आरोप भी लगता है कि "प्रचलित वेतन" का यह नियम अस्पष्ट है और इस कारण इसके साथ छेड़छाड़ करना सरल है,{{Citation needed|date=November 2009}} जिसके परिणामस्वरूप नियोक्ता वीज़ाधारी कर्मचारियों को कम वेतन का भुगतान करते हैं। रॉशेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Rochester Institute of Technology) में सार्वजनिक नीति के सहायक प्रोफेसर रॉन हिरा के अनुसार, सन 2005 में नई एच-1बी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी [IT]) के लिये वेतन का मध्यमान केवल $50,000 था, जो कि बी.एस. उपाधिधारी नये आईटी स्नातकों के शुरुआती वेतन से भी कम था। अमरीकी सरकार के ओईएस (OES) कार्यालय का डेटा यह सूचित करता है कि एच-1बी आईटी कर्मचारियों में से 90 प्रतिशत का वेतन उसी कार्य के लिये दिये जाने वाले अमरीकी कर्मचारियों के वेतन से कम था।<ref name="laplante">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=July 14, 2007
| publisher
}}</ref>
पंक्ति 232:
प्रवर्तन का स्तर घटिया है और उल्लंघनकर्ताओं द्वारा आईएनएस (INS) अंकेक्षण से सकुशल बच निकलने की रिपोर्टें भी हैं।<ref name="reddy">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=1999-2000
| publisher
}}</ref>
सन 2009 में संघीय अधिकारियों ने एक राष्ट्रव्यापी एच-1बी वीज़ा घोटाला उजागर किया। अक्टूबर 2009 में यूएससीआईएस (USCIS) की एक रिपोर्ट ने पाया कि एच-1बी कार्यक्रम की उल्लंघन दर 20 प्रतिशत से अधिक है।<ref name="2008-fraud">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/07/2010
| author
|date=13 Feb 2009
| publisher
}}</ref>
पंक्ति 340:
== आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों द्वारा एच-1बी वीज़ा का प्रयोग ==
वर्ष 2006 में, जारी किये गये 65,000 एच-1बी वीज़ा में से इन प्रतिष्ठानों को संयुक्त रूप से 19,512 वीज़ा जारी किये गये थे और एच-1बी वीज़ा प्राप्त करने वाले शीर्ष 5 प्रतिष्ठानों में 4 आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठान शामिल थे। इस सूची के शीर्ष पर सर्वाधिक प्रसिद्ध आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों में से कुछ मौजूद थे: [[इन्फोसिस]], सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज़, [[टाटा कन्सल्टन्सी सर्विसिज़|टाटा कन्सल्टंसी सर्विसेज़]] और [[विप्रो|विप्रो टेक्नोलॉजीस]]. आलोचकों का तर्क है कि एच-1 बी वीज़ा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इन आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों को एच-1बी वीज़ा जारी करना नहीं है।<ref name="who">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 06/02/2007
| author
|date=May 17, 2007
| publisher
}}</ref><ref name="bw-2007-06-07">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=June 7, 2007
| publisher
}}</ref> इसके लिये दिया जाने वाला एक कारण है: आलोचकों का दावा है कि भारतीय प्रतिष्ठान नियमों को ताक पर रख देते हैं और इन वीज़ा का प्रयोग कर्मचारियों को यू.एस. में प्रशिक्षित करने के लिये करते हैं, ताकि नौकरियों को देश से बाहर ले जाने की प्रक्रिया में सहायता मिल सके.<ref name="who"/>
सन 2006 में, [[विप्रो]] ने 20,000 एच-1बी वीज़ा और 160 ग्रीन कार्डों के लिये आवेदन किया; और [[इन्फोसिस]] ने 20,000 एच-1बी वीज़ा तथा केवल 50 ग्रीन कार्डों के लिये आवेदन किया। आवेदित एच-1बी वीज़ा में से विप्रो व इन्फोसिस को क्रमशः 4,002 तथा 4,108 वीज़ा जारी किये गये, जिसकी स्वीकृति दर 20% और 24% थी।<ref>पृथिव पटेल, ''इन्फोसिस, विप्रो और टीसीएस (TCS) अंडर इन्वेस्टिगेशन फॉर मिसयूज़ ऑफ़ एच1बी विज़ास'', इंडिया डेली, 15 मई 2007</ref> यह देखते हुए कि दोनों ही कम्पनियों के पास लगभग 100,000 कर्मचारियों का कार्य-बल और मोटे तौर पर 20,000 एच-1बी वीज़ा धारकों का एक यू.एस. रोज़गार आधार है, यह सूचित होता है कि मोटे तौर पर सन 2006 में इन्फोसिस व विप्रो के कुल भारतीय कार्यबल के लगभग 1/5 ने वीज़ा के लिये आवेदन किया था।<ref name="bw-2007-06-07-chart">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/02/2010
| author
|date=June 7, 2007
| publisher
}}</ref> बिज़नेस वीक के सन 2009 के एक लेख ने कम्प्यूटरवर्ल्ड के एक लेख का उल्लेख किया था, जो यह संकेत देता है कि 1,964 वीज़ा के साथ विप्रो इस कार्यक्रम की शीर्ष प्रयोक्ता थी।<ref name="2009-visas">{{cite web
| url
| title
| accessdate = 04/07/2010
| author
|year=2009
| publisher
}}</ref>
पंक्ति 378:
{| class="wikitable"
|+ शीर्ष दस एच-1बी प्राप्त कंपनियां 2006<td><ref name="who"/><ref name="bw-2007-06-07"/><ref name="bw-2007-06-07-chart"/><ref name="2009-visas"/></td>
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
| 2, 1
|
|
|
|
|
|-
| 3, 2
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
| url = http://www.cognizant.com/html/contacts/contacts.asp
| title = Cognizant Technology Solutions : Contacts
| accessdate = 2007-07-05
}}</ref>
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
|
|
|
|
|
|
|-
| , 3
|
|
|
|
|
|-
| , 7
|
|
|
|
|
|-
| , 8
|
|
|
|
|
|-
| , 9
|
|
|
|
|
|-
| , 10
|
|
|
|
|
|-
|
पंक्ति 504:
{| class="wikitable"
|+ शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों और एच-1बीs प्राप्त स्कूलें<td><ref name="who"/><ref name="bw-2007-06-07"/><ref name="bw-2007-06-07-chart"/></td>
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
| मैरीलैंड यूनिवर्सिटी
पंक्ति 534:
| 308
|-
|
| 279
|-
|
|
|-
|
| 275
|}
पंक्ति 546:
{| class="wikitable"
|+ शीर्ष दस अमेरिकी प्रौद्योगिकी एच-1बीs प्राप्त कंपनियां<td><ref name="who"/><ref name="bw-2007-06-07"/><ref name="bw-2007-06-07-chart"/></td>
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|-
|
|
|}
|