"अत्यंतनूतन युग": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
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== हिमनदयुग का विस्तार ==
उपर्युक्त प्रमाणों के आधार पर भू-विज्ञानियों ने यह तथ्य स्थापित किया है कि प्लास्टोसीनयुग में यूरोप, अमरीका, अंटार्कटिका और हिमालय का लगभग 205 लाख वर्ग किमी.किलोमीटर क्षेत्र हिमचादरों से ढका था। उत्तरी अमरीका में मुख्यत: तीन हिमकेंद्रों लैब्रोडोर, कीवाटिन और कौरडिलेरियन से चारों दिशाओं में हिम का प्रवाह हुआ जिसने लगभग 102 लाख वर्ग किमी.किलोमीटर क्षेत्र को ढक लिया। यहाँ हिम की मोटाई लगभग दो मील थी। उत्तरी यूरोप में हिम का प्रवाह स्केंडिनेविया प्रदेश से दक्षिण पश्चिम दिशा में हुआ जिससे इंग्लैंड, जर्मनी और रूस के बहुत से भाग बर्फ से ढक गए, इसी प्रकार भारत के भी अधिकांश भाग इस युग में हिम से आच्छादित थे।
 
प्लाइस्टोसीन हिमनदयुग के जो प्रमाण हमारे देश में मिले हैं उनमें हिमालयक्षेत्र से प्राप्त प्रमाण पुष्ट और प्रभावशाली हैं। हिमालय के विस्तृत क्षेत्र में हिमानियों का मलबा मिलता है, नदियों की घाटियों में हिमोढयुक्त मलबे की पर्तें दिखाई देती देती हैं तथा स्थान स्थान पर, जैसे पुटवार में, अनियत गोलाश्म भी मिले हैं। प्रायद्वीपीय भारत में भी हिमनदयुग के प्रमाण मिले हैं, पर यह प्रत्यक्ष न होकर परोक्ष हैं। नीलगिरि पर्वत, अन्नामलाई और शिवराई पर्वत शिखरों में शीत जलवायु की वनस्पतियाँ एवं जीवाश्म मिले हैं। पारसनाथ की पहाड़ियों तथा अरावली पर्वत में वनस्पतियों के अवशेष मिले हैं जो अब हिमालय पर्वत में उगती हैं। यह परोक्ष प्रमाण इस बात के द्योतक हैं कि उस समय इन भागों की जलवायु आज की जलवायु से भिन्न थी।