"अल्पना मिश्र": अवतरणों में अंतर

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[[File:अल्पना मिश्रा.jpg|अल्पना मिश्रा]]
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| birthname = अल्पना मिश्रा
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| gender = महिला
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| birthdate = ०१ मार्च १९९८
| birthplace = उत्तर प्रदेश
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| country = भारत
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| education = हिन्दी में एम ए और पीएचडी
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हिन्दी कथा साहित्य में अल्पना मिश्र जी प्रमुख हस्ताक्षर के रूप में हैं। उनके कहानी संग्रह : 'भीतर का वक्त', 'छावनी में बेघर', 'कब्र भी कैद औ' जंजीरे साथ ही उपन्यास :'अन्हियारे तलछट में चमका' पाठकों के बीच में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुके हैं। वह हिंदी की महान लेखकों में से एक है और उन्होंने हिन्दी के कला क्षत्र को और खूबसूरत बनाने में अपना अच्छा योगदान दिया हैं।
आधुनिक हिन्दी काल की जानी मानी लेखक अल्पना मिश्र जी पंडित हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के परिवार से आती हैं। उन्होंने अपने लेखन की शुरुआती प्रेरणा द्विवेदी जी से ही ली और कई पुरस्कारों से भी सम्मानित की गई। पति कर्नल अमिताभ का सेना में होने के बावजूद भी उन्होंने हमेशा उनका साथ दिया था। इस तरह पति, बच्चों और माता पिता, सब के साथ मिल जुल कर वह अपनी गाड़ी ठीक से चलाने में कामयाब हुई।
 
==पृष्ठभूमि==
अल्पना मिश्र जी का जन्म १८ मई १९६९ को हुआ था। वह आजमगढ, उत्तरप्रदेशउत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाव में पैदा हुई थी। उन्हें अपने लेख के लिए शैलेश मटियानी समृति सम्मान (२००६) , परिवेश सम्मान (२००६),रचनाकार सम्मान (भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता २००८),शक्ति सम्मान (२००८)जैसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। फिलहाल अल्पना मिश्र दिल्ली विश्वविद्यालए के हिन्दी विभाग में सह-प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
परिवार और नौकरी की ज़िम्मेदारियों से बेहद घिरे रहने के बावजूद भी लेखिका हर रात उपन्यास लिख-लिख कर रात बिताती थी।
 
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- फिर पति के फौज में होने के बावजूद भी लेखिका खुद नौकरी कर अपना परिवार चलाती थी और फौज की कई सुविधाओं को छोड़ा भी था।
==शिक्षा==
अल्पना मिश्र जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालए में एम एएमए और पीएचडी की डिग्री पूरी की।
==मुख्य कृतियाँ==
कहानी संग्रह: भीतर का वक्त , छावनी में बेघर , कब्र भी कैद औ।