"शाह जहाँ": अवतरणों में अंतर

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शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म [[मुमताज़ महल|मुमताज़ बेगम]] के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत [[ताज महल]] बनाने का यत्न किया।
 
सम्राट [[जहाँगीर का मकबरा|जहाँगीर]] के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है।
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