"ओंकारेश्वर मन्दिर": अवतरणों में अंतर
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छो राजू जांगिड़ ने ओङ्कारेश्वर मन्दिर पृष्ठ ओंकारेश्वर मन्दिर पर स्थानांतरित किया |
Puranastudy (वार्ता | योगदान) |
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== कथा ==
राजा [https://docs.google.com/document/d/1gNm0yDgbo2AySm-xzBoeNedTpT04l0j2udPOsp2SsxU/edit?usp=sharing मान्धाता] ने यहाँ नर्मदा किनारे इस पर्वत पर घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान माँग लिया। तभी से उक्त प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकार-मान्धाता के रूप में पुकारी जाने लगी। जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ, वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता है। इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र है। इसमें 68 तीर्थ हैं। यहाँ 33 करोड़ देवता परिवार सहित निवास करते हैं।
== मान्यता ==
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