"स्तनपान": अवतरणों में अंतर

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नयी माताओं द्वारा स्तनपान कराने से उन्हें गर्भावस्था के बाद होनेवाली शिकायतों से मुक्ति मिल जाती है। इससे तनाव कम होता है और प्रसव के बाद होनेवाले रक्तस्राव पर नियंत्रण पाया जा सकता है। मां के लिए दीर्घकालिक लाभ हृदय रोग, और रुमेटी गठिया का खतरा कम किया है । स्तनपान करानेवाली माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा न्यूनतम होता है। स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक है। स्तनपान सुविधाजनक, मुफ्त (शिशु को बाहर का दूध पिलाने के लिए दुग्ध मिश्रण, बोतल और अन्य खर्चीले सामान की जरूरत होती है) और सबसे बढ़ कर माँ तथा शिशु के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत करने का सुलभ साधन है। मां के साथ शारीरिक रू प से जुड़े होने का एहसास शिशुओं को आरामदायक माहौल देता है।
 
== प्रक्रिया ==
== आरंभ कब ==
 
=== आरंभ कब ===
शिशु जन्म को फौरन बाद स्तनपान शुरू कर देना चाहिए। जन्म के तत्काल बाद नग्न शिशु को (उसके शरीर को कोमलता से सुखाने के बाद) उसकी मां की गोद में देना चाहिए। मां उसे अपने स्तन के पास ले जाये, ताकि त्वचा से संपर्क हो सके। इससे दूध का बहाव ठीक होता है और शिशु को गर्मी मिलती है। इससे मां और शिशु के बीच भावनात्मक संबंध विकसित होता है।
स्तनपान जल्दी आरंभ करने के चार प्रारंभिक कारण हैं<ref name="गेटवे"/>-
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* जल्दी शुरू करने से स्तनपान की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। स्तन से निकलनेवाला पीले रंग का द्रव, जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, शिशु को संक्रमण से बचाने और उसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का सबसे अच्छा उपाय है। यह एक टीका है।
* स्तनपान तत्काल शुरू करने से स्तनों में सूजन या प्रसवोत्तर रक्तस्राव की शिकायत नहीं होती।
* शल्यचिकित्सा से शिशु जन्म देनेवाली माताएं भी स्तनपानकरास्तनपान करा सकती हैं। यह शल्य क्रिया सफल स्तनपान की आपकी क्षमता पर असर नहीं डालती है।
 
शल्यचिकित्सा से शिशु जन्म देनेवाली माताएं भी स्तनपानकरा सकती हैं। यह शल्य क्रिया सफल स्तनपान की आपकी क्षमता पर असर नहीं डालती है।
* शल्य क्रिया के चार घंटे बाद या एनीस्थीसिया के प्रभाव से बाहर आने के बाद आप स्तनपान करा सकती हैं।
* स्तनपान कराने के लिए आप अपने शरीर को एक करवट में झुका सकती हैं या फिर अपने शिशु को अपने पेट पर लिटा कर स्तनपान करा सकती हैं।
* सीजेरियन विधि से शिशु को जन्म देनेवाली माताएं पहले कुछ दिन तक बाहरीनर्स की मदद से अपने शिशु को सफलतापूर्वक स्तनपान करा सकती हैं।
 
== कब तक ==
साधारणतया कम से कम छह महीने तक शिशु को स्तनपान कराना चाहिए और उसके बाद दो साल या उसके बाद तक भी स्तनपान कराया जा सकता है। माता के बीमार होनेपर भी शिशु को स्तनपान कराना जरूरी होता है। आमतौर पर साधारण बीमारियों से स्तनपान करनेवाले शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। यहां तक कि टायफायड, मलेरिया, यक्ष्मा, पीलिया और कुष्ठ रोग में भी स्तनपान पर रोक लगाने की सलाह नहीं दी जाती है।
== आवृत्ति ==
एक नवजात एक बहुत छोटे से पेट की क्षमता है। एक दिन की उम्र में यह 5 से 7 मिलीलीटर, एक संगमरमर के आकार के बरा-बर होत है,तीन दिन में यह 0.75-1 आस्ट्रेलिया, एक "शूटर" संगमरमर के आकार का और सात दिन में यह है 1.5-2 या एक पिंगपांग की गेंद के आकार तक विकसित हो जता है।[http://www.cpmc.org/services/pregnancy/information/breastfeeding-frequency.html]मां के दूध का उत्पादन पहले दूध, कोलोस्ट्रम, केंद्रित होता है,शिशु की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुखय भूमिका निभाता है, जो केवल बहुत कम मात्रा में धीरे-धीरे शिशु के पेट क्षमता के विस्तार के आकार के साथ बढ़ता जाता है। मे दिन के समय दोनों स्तनों से कम से कम १०-१५ मिनट तक हर दो या ती घन्टे के बाद कराना चाहिए। दिन में हो सकता है कि बच्चे को जगाना पड़े (डॉयपर बदलने या बच्चे को सीधा करने अथवा उस से बातें करने से बच्चे को जगाने में मदद मिलती है)। जब बच्चे की पोषण परक जरूरतें दिन के समय ठीक से पूरी हो जाती हैं तो फिर वह रात को बार बार नहीं जगता। कभी कभी ऐसा भी होता है कि स्तन रात को भर जाते हैं और शिशु सो रहा होता है, तब मां चाहती हैं कि उसे जगाकर दूध पिला दें। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, दूध पिलाने की अवधि बढ़ती जाती है।<ref name="बिहार">[http://www.brandbihar.com/hindi/women/stanpaan.html स्तनपान और प्रसवोपरान्त स्तन इन्फैक्शन]। ब्रांड बिहार</ref>
 
== स्तनपान कराने की स्थितियां ==
ही स्थिति और latching आवश्यक तकनीक से निपल व्यथा कि रोकथम और बच्चे को पर्याप्त दूध प्राप्त करने के लिए स्तनपान कराने की स्थितियां महतवपूण है।
<ref>{{cite web|title=Positions and Tips for Making Breastfeeding Work|url=http://www.babycenter.com/0_positions-and-tips-for-making-breastfeeding-work_8784.bc|website=BabyCenter.com|accessdate=27 October 2014}}</ref>
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File:Blausen 0118 Breastfeeding CorrectLatch-On 02.png|thumb|Illustration depicting correct latch-on position during breastfeeding.
File:Breastfeeding - Cradle Hold.png|Breastfeeding - Cradle hold.
File:Breastfeeding - Cross Cradle Position.png|Breastfeeding - Cross cradle position.
File:Breastfeeding - Football Hold.png|Breastfeeding - Football hold.
File:Breastfeeding - Incorrect vs Correct Latch-On.png|Breastfeeding - Incorrect vs correct latch-on.
File:Breastfeeding - Semi-Reclining Position.png|Breastfeeding - Semi-reclining position.
File:Breastfeeding - Side-Lying Position.png|Breastfeeding - Side-lying position.
File:Breastfeeding - Supine Position.png|Breastfeeding - Supine position.
File:Breastfeeding - Tease Lips or Cheek.png|Breastfeeding - Tease lips or cheek.
File:Breastfeeding - Twins, Cross Cradle Position I.png|Breastfeeding - Twins, cross cradle position I.
File:Blausen 0134 Breastfeeding Twins FootballorClutchHold 02.png|Breastfeeding - Twins, football or clutch hold.
File:Breastfeeding - Twins, Parallel Position II.png|Breastfeeding - Twins, parallel position II.
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[[File:ASC Leiden - Coutinho Collection - 1 12 - Life in Canjambari, Guinea-Bissau - Guinean mother breastfeeding her baby - 1973.tiff|thumb|Standing mother breastfeeding her baby, Canjambari, Guinea-Bissau, 1973]]
 
=== Latching on ===
The "rooting reflex" is the baby's natural tendency to turn towards the breast with the mouth open wide; mothers sometimes make use of this by gently stroking the baby's cheek or lips with their nipple to induce the baby to move into position for a breastfeeding session, then quickly moving the baby onto the breast while its mouth is wide open.<ref name="naturalbirth">{{cite web|url=http://www.naturalbirthandbabycare.com/latch-on.html|title=Great Pregnancy. Natural Birth. Healthy Baby.|publisher=}}</ref> To prevent nipple soreness and allow the baby to get enough milk, a large part of the breast and areola need to enter the baby's mouth.<ref name="SearsBF">{{cite web |url=http://www.askdrsears.com/html/2/T021000.asp |title=Proper positioning and latch-on skills |accessdate=2008-09-24 |publisher=AskDrSears.com |year=2006 }}</ref><ref name="CHSD">{{cite web | title = Breastfeeding Guidelines | publisher = Rady Children's Hospital San Diego | url = http://www.chsd.org/1438.cfm | accessdate = 2007-03-04 }}</ref> Failure to latch on is one of the main reasons for ineffective feeding and can lead to infant health concerns.
 
 
== स्तनों में लंप ==
स्तनपान के दौरान स्तनों में लम्प सामान्य बात है जो कि किसी छिद्र के बन्द होने से बन जाता है। दूध पिलाने से पहले (गर्म पानी से स्नान या सेक) सेक और स्तनों की मालिश करें (छाती से निप्पल की ओर गोल गोल कोमलता से अंगुली के पोरों से करें या पम्प द्वारा निकाल दें। बन्द छिद्र या नली को खोल लेना महत्वपूर्ण है नहीं तो स्तनों में इन्फैक्शन हो सकता है। यदि इस सब से लम्प न निकले या फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो चिकित्सक का परामर्श लें।<ref name="बिहार"/>