"भट्टनारायण": अवतरणों में अंतर

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'''भट्ट नारायण''' [[संस्कृत]] के महान [[नाटककार]] थे। वे अपनी केवल एक कृति [[वेणीसंहार]] के द्वारा संस्कृत साहित्य में अमर हैं। संस्कृत वाङ्मय में समुपलब्ध नाटकों में इसका विशिष्ट स्थान है। विद्वज्जन इसे नाट्यशास्त्र के सिद्धांतों के अनुकूल दृष्टिकोण से लिखा गया नाटक मानते हैं इसीलिए इसके उदाहरणों को अपने लक्षणग्रंथों में वामन, विश्वनाथ आदि ने विशेष रूप से उद्धृत किया है।
 
== जीवन वृत्त ==
भट्ट नारायण का जीवनवृत्त अनिश्चित है किंतु [[वामन]] और [[आनंदवर्धनाचार्य]] के ग्रंथों में वेणीसंहार के उद्धरणों से यह स्पष्ट है कि यह उनसे पूर्ववर्ती हैं। वामन का समय बेल्वल्कर ने सप्तम शताब्दी का अंतिम भाग स्वीकृत किया है। इस प्रकार नारायण अष्टम शताब्दी से पूर्व के सिद्ध होते हैं। विश्वकवि [[रवींद्रनाथ ठाकुर]] की पारिवारिक परंपरा में यह बात स्वीकृत की जाती है कि सातवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में बंगाल के राजा आदिशूर ने इनको कान्यकुब्ज से बुलवाया था। आदिशूर ने बंगाल में पाल वंश से पूर्व राज्य किया था।
 
== वेणीसंहार का परिचय ==
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[[श्रेणी:साहित्यकार]]
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