"हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस": अवतरणों में अंतर

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'''हिन्दी प्रचारिणी सभा''' की स्थापना [[मॉरीशस]] में १९२५ में [[हिन्दी]] की विधिवत शिक्षा के लिए हुई जिसके प्रथम अध्यक्ष [[मुक्ताराम चटर्जी]] थे। इस सभा ने [[हिन्दी]] के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई। सभा हिन्दी साहित्य सम्मेलन की [[साहित्यरत्न]] परीक्षाएँ भी आयेजित करती है।
 
हिन्दी प्रचारिणी सभा एक शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था है। यह लांग माउण्टेन (Long Mountain) में स्थित है। इसका ध्येयवाक्य है ‘भाषा गई तो संस्कृति गई'। इसकी स्थापना 12 जून 1926 को हुई थी। उस समय इसका नाम 'तिलक विद्यालय' था जो [[भारत]] के महान शिक्षाशास्त्री एवं स्वतंत्रता सेनानी [[बाल गंगाधर तिलक]] के नाम पर था। तिलक विद्यालय की स्थापना के पीछे मुक्तराम बोलराम चटर्जी और मुंगुर बंधु थे जिन्हें बाद में 'भगत' नाम से प्रसिद्धि मिलि। बाद में यही विद्यालय 'हिन्दी प्रचारिणी सभा' बना।
 
कुछ समय बाद हिन्दी प्रचारिणी सभा ने [[क्रीव कूर]] (Creve Coeur) में 'सरस्वती पाठशाला' की स्थापना की। इसमें कन्याओं के लिए पूर्णकालोक हिन्दी कक्षाएँ लगने लगीं। श्री सूर्य प्रसाद मुंगुर भगत हिन्दी प्रचारिणी सभा द्वारा नियुक्त प्रथम अध्यापक थे। उनके बाद श्री नेमनारायण गुप्त अध्यापक नियुक्त हुए।
 
== कार्य ==
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[[श्रेणी:हिन्दी सेवी संस्थाएँ]]
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