"अरविन्द अडिग": अवतरणों में अंतर
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'''अरविन्द अडिग''' ([[कन्नड़]]: ಅರವಿಂದ ಅಡಿಗ, जन्म 23 अक्टूबर 1974) [[अंग्रेजी]] में लिखने वाले [[भारत|भारतीय]] लेखक हैं, जिन्हें अपने पहले [[उपन्यास]] ''द व्हाइट टाइगर'' (श्वेत बाघ) के लिए [[मैन बुकर पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया है।
== प्रारंभिक जीवन ==
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== पहला उपन्यास ==
अरविन्द ने इस उपन्यास की परिकल्पना 2005 में ही कर ली थी, जब ये बहुत समय बाद भारत वापिस लौटे तो उनके मन में जो उथल-पुथल मची उसने इन्हें उपन्यास पर काम शुरु करने को प्रेरित किया।<ref name=webduniya /> यह उपन्यास एक आम आदमी बलराम हलवाई की कहानी है, जो रिक्शा चालक के लड़के से सफल व्यवसायी बनने तक का सफर तय करता है। परिस्थितियों के थपेड़ों से बलराम [[बिहार]] से दिल्ली आता है और ड्राइवर बन जाता है। अपने मालिक की हत्या करके वह [[बंगलूरु]] पहुंचता है जहाँ सफल व्यवसायी बन जाता है। फिर एक दिन [[चीन|चीनी]] प्रधानमंत्री के भारत आगमन की खबर सुनकर वह सात चिट्ठियों के माध्यम से अपने जीवन की कहानी उनको लिखता है।<ref name=bhaskar>{{cite news|url=http://www.bhaskar.com/2008/10/16/0810160947_arvind_adiga.html|title=फिर भारतीय लेखक को बुकर|publisher=दैनिक भास्कर|date=2008-10-16|accessdate=2008-10-16}}</ref> बलराम की कहानी के माध्यम से आर्थिक प्रगति की चका-चौंध में भारत का गरीब वर्ग किस तरह जी रहा है, इसका सफलतापूर्वक वर्णन किया गया है।<ref name=jagran>{{cite news|url=http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_4909580/|title=अदिगा ने जीता बुकर पुरस्कार|publisher=याहू जागरण|author=|date=2008-10-16|accessdate=2008-10-16}}</ref> इस उपन्यास का कथानक वर्तमान में हो रही आर्थिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में और भी प्रासंगिक हो गया है।
== बुकर पुरस्कार ==
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[[श्रेणी:भारतीय अंग्रेज़ी लेखक]]
[[श्रेणी:चित्र जोड़ें]]
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