"बुद्धि": अवतरणों में अंतर

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concentration of energy and resistance to emotional forces.)
 
== बुद्धि के सिद्धान्त ==
बुद्धि के स्वरूप एवं बुद्धि के सिद्धान्त (Theories of Intelligence) - दोनों ही बुद्धि के विषय के बारे में विचार प्रकट करते हैं परन्तु फिर भी दोनों में भिन्नता दृष्टिगत होती है। बुद्धि के सिद्धान्त उसकी संरचना को स्पष्ट करते हैं जबकि स्वरूप उसके कार्यों पर प्रकाश डालते हैं।
 
गत शताब्दी के प्रथम दशक से ही विभिन्न देशों के मनोवैज्ञानिकों में इस बात की रूचि बढ़ी की बुद्धि की संरचना कैसी है तथा इसमें किन-किन कारकों का समावेश है। इन्हीं प्रश्नों के परिणाम स्वरूप विभिन्न कारकों के आधार पर बुद्धि की संरचना की व्याख्या होने लगी। अमेरिका के थार्सटन, थार्नडाईक, थॉमसन आदि मनोवैज्ञानिकों ने कारकों (factors) के आधार पर 'बुद्धि के स्वरूप' विषय में अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इसी तरह [[फ्रांस]] में अल्फ्रेड बिने, ब्रिटेन में स्पीयरमेन ने भी बुद्धि के स्वरूप के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये।<blockquote>बिने का एक कारक सिद्धान्त (Uni-factor Theory)</blockquote>इस सिद्धान्त का प्रतिपादन फ्रांस के मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) ने 1905 में किया तथा अमेरिका के मनोवैज्ञानिक टर्मन तथा जर्मनी के मनोवैज्ञानिक एंबिगास ने इसका समर्थन किया। इस सिद्धान्त के अनुसार ''बुद्धि वह शक्ति है जो समस्त मानसिक कार्यों को प्रभावित करती है।'' इस सिद्धान्त के अनुयाइयों ने बुद्धि को समस्त मानसिक कार्यों को प्रभावित करने वाली एक शक्ति के रूप में माना है। उन्होंने यह भी माना है कि बुद्धि समग्र रूप वाली होती है और व्यक्ति को एक विशेष कार्य करने में अग्रसित करती है। यह एक एकत्व का खंड है जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता है। इस सिद्धान्त के अनुसार यदि व्यक्ति किसी एक विशेष क्षेत्र में निपुण है तो वह अन्य क्षेत्रों में भी निपुण रहेगा। इसी एक कारकीय सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए बिने ने बुद्धि को व्याख्या-निर्णय की योग्यता माना है। टर्मन ने इसे विचार करने की योग्यता माना है तथा स्टर्न ने इसे नवीन परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की योग्यता के रूप में माना है।
 
=== बिने का एक कारकद्वितत्व सिद्धान्त (UniBi-factor Theory)===
इस सिद्धान्त का प्रतिपादन फ्रांस के मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) ने 1905 में किया तथा अमेरिका के मनोवैज्ञानिक टर्मन तथा जर्मनी के मनोवैज्ञानिक एंबिगास ने इसका समर्थन किया। इस सिद्धान्त के अनुसार ''बुद्धि वह शक्ति है जो समस्त मानसिक कार्यों को प्रभावित करती है।'' इस सिद्धान्त के अनुयाइयों ने बुद्धि को समस्त मानसिक कार्यों को प्रभावित करने वाली एक शक्ति के रूप में माना है। उन्होंने यह भी माना है कि बुद्धि समग्र रूप वाली होती है और व्यक्ति को एक विशेष कार्य करने में अग्रसित करती है। यह एक एकत्व का खंड है जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता है। इस सिद्धान्त के अनुसार यदि व्यक्ति किसी एक विशेष क्षेत्र में निपुण है तो वह अन्य क्षेत्रों में भी निपुण रहेगा। इसी एक कारकीय सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए बिने ने बुद्धि को व्याख्या-निर्णय की योग्यता माना है। टर्मन ने इसे विचार करने की योग्यता माना है तथा स्टर्न ने इसे नवीन परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की योग्यता के रूप में माना है।
 
=== द्वितत्व सिद्धान्त (Bi-factor Theory)===
इस सिद्धान्त के प्रवर्तक ब्रिटेन के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्पीयर मेन हैं। उन्होंने अपने प्रयोगात्मक अध्ययनों तथा अनुभवों के आधार पर बुद्धि के इस द्वि-तत्व सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनके मतानुसार बुद्धि दो शक्तियों के रूप में है या बुद्धि की संरचना में दो कारक हैं। इनमें से एक को उन्होंने 'सामान्य बुद्धि' (General or G-factor) तथा दूसरे कारक को 'विशिष्ट बुद्धि' (Specific S- factor) कहा है। सामान्य कारक से उनका तात्पर्य यह है कि सभी व्यक्तियों में कार्य करने की एक सामान्य योग्यता होती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति कुछ सीमा तक प्रत्येक
कार्य कर सकता है। ये कार्य उसकी सामान्य बुद्धि के कारण ही होते हैं। सामान्य कारक व्यक्ति की सम्पूर्ण मानसिक एवं बौद्धिक क्रियाओं में पाया जाता है परन्तु यह विभिन्न मात्राओं में होता है। बुद्धि का यह सामान्य कारक जन्मजात होता है तथा व्यक्तियों को सफलता की ओर इंगित करता है।
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बुद्धि के सामान्य कारक जन्मजात होते हैं जबकि विशिष्ट कारक अधिकांशतः अर्जित होते हैं।
 
== बुद्धि के इस दो-कारक सिद्धान्त के अनुसार सभी प्रकार की मानसिक क्रियाओं में बुद्धि के सामान्य कारक कार्य करते हैं जबकि विशिष्ट मानसिक क्रियाओं में विशिष्ट कारकों को स्वतंत्र रूप से काम में लिया जाता है। व्यक्ति के एक ही क्रिया में एक या कई विशिष्ट कारकों की आवश्यकता होती है। परन्तु प्रत्येक मानसिक क्रिया में उस क्रिया से संबंधित विशिष्ट कारक के साथ-साथ सामान्य कारक भी आवश्यक होते हैं। जैसे- सामान्य विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, दर्शन एवं शास्त्र अध्ययन जैसे विषयों को जानने और समझने के लिए सामान्य कारक महत्वपूर्ण समझे जाते हैं वहीं यांत्रिक, हस्तकला, कला, संगीत कला जैसे विशिष्ट विषयोंं को जानने ओर समझने के लिए विशिष्ट कारकों की प्रमुख रूप से आवश्यकता होती है। इससे स्पष्ट हैहम कह सकते है कि किसी विशेष विषय या कला को सीखने के लिए दोनों कारकों का होना अत्यन्त अनिवार्य है। ==
 
=== त्रिकारक बुद्धि सिद्धान्त (Three factors theory of Intelligence)===