"फुलकारी": अवतरणों में अंतर

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'''फुलकारी'' एक तरहां की [[कढाई]] होती है जो चुनरी /दुपटो पर हाथों से की जाती है। फुलकारी शब्द "फूल" और "कारी" से बना है जिसका मतलब फूलों की कलाकारी।
 
इंडियन कल्चर में पंजाब का योगदान शानदार संगीत, लाजवाब खाने और खूबसूरत रंगों से कहीं ज़्यादा है. पटियाला सलवार सूट और फुलकारी एम्ब्रॉएडरी के बिना इंडियन फैशन बेहद नीरस होता. इस कढ़ाई का जन्म प्राचीन भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था जिसमें बेहद कुशल कारीगरी की ज़रूरत होती है. पारंपरिक कारीगरों ने खूबसूरत फूलों के मोटिफ्स से इस कला को परफेक्ट बना लिया. शुरुआती दौर में फुलकारी हर तरह के कपड़ों पर की जाती थी लेकिन बाद में ये सिर्फ स्कार्व्स और शॉल्स तक ही सीमित हो गई और कभी-कभी शूज़, बेल्ट्स और बैग्स जैसी ऐक्सेसरीज़ पर भी.
 
==कला का प्रतीक==