"अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। अपने समय के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खानने आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता को महसूस किया और 1875 में एक स्कूल शुरू किया, जो बाद में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज और अंततः 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। कई विभागों और स्थापित संस्थानों के साथ यह प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालय दुनिया के सभी कोनों से, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और दक्षिणी पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करता है। कुछ पाठ्यक्रमों में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं। विश्वविद्यालय सभी जाति, पंथ, धर्म या लिंग के छात्रों के लिए खुला है। अलीगढ़ दिल्ली के दक्षिण पूर्वी में 130 किमी दूरी पर दिल्ली-कोलकाता रेलवे और ग्रांड ट्रंक रूट की स्थित है।
 
==एएमयू की लाइब्रेरी==
एएमयू की मौलान आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख पुस्तके के साथ तमाम दुर्लभ पांडुलिपियां भी मौजूद है।
==एएमयू का संग्रहालय==
एएमयू के मूसा डाकरी संग्रहालय में अनेक ऐतिहासिक महत्वपूर्ण वस्तुएँ तो हैं ही सर सैयद अहमद का 27 देव प्रतिभाओं का वह कलेक्शन भी है जिसे उन्होने अलग अलग स्थानो का भ्रमण कर जुटाया था।
एएमयू के संग्रहालय में उपस्थित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर वस्तुएँ;
* महावीर जैन का स्तूप और स्तूप के चारो ओर आदिनाथ की 23 प्रतिमाएं है।
* सुनहरे पत्थर से बने पिलर में कंकरीट की सात देव प्रतिमाए।
* एटा व फतेहपुर सीकरी से खोजे गे बतर्न, पत्थर व लोहे के हथियार।
* शेष शैया पर लेटे भगवान विष्णु. कंकरीट के सूर्यदेव
* महाभारत काल की भी कई चीजे, डायनासोर के अवशेष
* वीमेंस कॉलेज का संस्थापक पापा मियां की ब्रिट्रिस काल की पॉइट्री।
* चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन व उनके बेटे शमसाद की बनाई पेंटिंग्स।
* एएमयू के विक्टोरिया गेट से उतारी गई प्राचीन घड़ी।
* उदयपुर की जवार खान से मिली ढाई हजार साल पुरानी रिटार्ट।
==विश्वविद्यालय के पुरुस्कार प्राप्त व्यक्ति==
'''भारातरत्न'''