"पृथ्वी": अवतरणों में अंतर

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पृथ्वी अथवा पृथिवी एक संस्कृत शब्द हैं जिसका अर्थ " एक विशाल धरा" निकलता हैं। एक अलग पौराणिक कथा के अनुसार, [[महाराज पृथु]] के नाम पर इसका नाम पृथ्वी रखा गया। इसके अन्य नामो में- धरा, भूमि, धरित्री, रसा, रत्नगर्भा इत्यादि सम्मलित हैं। अन्य भाषाओ इसे जैसे- अंग्रेजी में अर्थ(Earth) और [[लातिन भाषा]] में टेरा (Terra) कहा जाता हैं। हालकि सभी नामो में इसका अर्थ लगभग सामान ही रहा हैं।
 
== भौतिक विशेषताएं ==
== रासायनिक संरचना ==
=== आकार ===
=== रासायनिक संरचना ===
{{मुख्य|पृथ्वी की रासायनिक संरचना}}
पृथ्वी की रचना में निम्नलिखित तत्वों का योगदान है
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बाकी चट्टानी ग्रह की संरचना कुछ अंतरो के साथ पृथ्वी के जैसी ही है। चन्द्रमा का केन्द्रक छोटा है, बुध का केन्द्र उसके कुल आकार की तुलना मे विशाल है, मंगल और चंद्रमा का मैंटल कुछ मोटा है, चन्द्रमा और बुध मे रासायनिक रूप से भिन्न भूपटल नही है, सिर्फ पृथ्वी का अंत: और बाह्य मैंटल परत अलग है। ध्यान दे कि ग्रहो (पृथ्वी भी) की आंतरिक संरचना के बारे मे हमारा ज्ञान सैद्धांतिक ही है।
 
=== आंतरिक संरचना ===
{{मुख्य|पृथ्वी की आतंरिक संरचना}}
 
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पृथ्वी के अंतरतम की यह परतदार संरचना भूकंपीय तरंगों के संचलन और उनके [[परावर्तन]] तथा [[प्रत्यावर्तन]] पर आधारित है जिनका अध्ययन [[भूकंपलेखी]] के आँकड़ों से किया जाता है। भूकंप द्वारा उत्पन्न प्राथमिक एवं द्वितीयक तरंगें पृथ्वी के अंदर स्नेल के नियम के अनुसार प्रत्यावर्तित होकर वक्राकार पथ पर चलती हैं। जब दो परतों के बीच घनत्व अथवा रासायनिक संरचना का अचानक परिवर्तन होता है तो तरंगों की कुछ ऊर्जा वहाँ से परावर्तित हो जाती है। परतों के बीच ऐसी जगहों को [[भूगर्भिक असातत्य|असातत्य]] (Discontinuity) कहते हैं।
 
=== ऊष्मा ===
 
== स्थलमंडल ==