"कादम्बरी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) No edit summary |
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
<कादम्बरी संस्कृत साहित्य की महान कृति हॅ। कादम्बरी के रचनाकार वाण भट्ट हें। इसमें एक काल्पनिक कथा है जिसमें चन्द्रापीड तथा पुण्डरीक के तीन जन्मों का उल्लेख है। कथानुसार विदिशा नरेश शूद्रक के दरबार में अतीव सुन्दरी चाण्डाल कन्या वैशम्पायन नामक तोते को लेकर आती है। यह तोता मनुष्य की बोली बोलता है। राजा के प्रश्नोत्तर में तोता बताता है कि उसकी माता मर चुकी है और उसके पिता को आखेटक ने पकड़ लिया तथा उसे जाबालि मुनि के शिष्य पकड़ कर आश्रम में ले गये। इसी के बीच ऋषि जाबालि द्वारा राजा चन्द्रापीड तथा उसके मित्र वैशम्पायन की कथा है। चन्द्रापीड तथा वशशम्पायन दिग्विजय के लिये जाते हैं। किन्नर युगल का पीछा करते हुए राजा आच्छोद नामक सरोवर के पास पहुँचता है।>
|