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[[चित्र:65Cyb-LB3-apmag.jpg|thumb|250px|right|[[क्षुद्रग्रह]] [[६५ सिबअली]] और २ तारे जिनकें सापेक्ष कान्तिमान (apmag) लिखे गए हैं]]
'''सापेक्ष कांतिमान''' किसी [[खगोलीय वस्तु]] के [[पृथ्वी]] पर बैठे दर्शक द्वारा प्रतीत होने वाले [[चमकीलेपन]] को कहते हैं। सापेक्ष कान्तिमान को मापने
== सापेक्ष और निरपेक्ष कान्तिमान में अंतर ==
[[निरपेक्ष कान्तिमान]] किसी वस्तु की स्वयं की चमक का माप है और इसमें हमेशा यह देखा जाता है कि १० [[पारसॅक]] की मानक दूरी पर वह वस्तु कितनी रौशन लगती है। मिसाल के लिए अगर किसी [[तारे]] के निरपेक्ष कांतिमान की बात हो रही हो तो यह देखा जाता है कि यदि देखने वाला उस तारे के ठीक १० [[पारसैक]] की दूरी पर होता (और उन दोनों के बीच में कोई [[खगोलीय धूल]] वग़ैराह न हो) तो वह तारा कितना चमकीला लगता। इस तरह से "निरपेक्ष कांतिमान" और "सापेक्ष कांतिमान" में गहरा अंतर है। अगर कोई तारा [[सूरज]] से बीस गुना ज़्यादा मूल चमक रखता हो लेकिन सूरज से हज़ार गुना दूर हो तो पृथ्वी पर बैठे किसी दर्शक के लिए सूरज का सापेक्ष कांतिमान अधिक होगा,
== अन्य भाषाओं में ==
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