"भूगोल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
Surenders25 (वार्ता | योगदान) वर्तनी सुधार |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Physical world.jpg|thumb|299px|right|पृथ्वी का मानचित्र]]
'''भूगोल''' (Geography) वह शास्त्र है जिसके
भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है:
पंक्ति 8:
:*(२) अन्य विज्ञानों के द्वारा विकसित धारणाओं में अंतर्निहित तथ्य की परीक्षा का अवसर देता है, क्योंकि भूगोल उन धारणाओं का स्थान विशेष पर प्रयोग कर सकता है।
:*(३) यह सार्वजनिक अथवा निजी नीतियों के निर्धारण में अपनी विशिष्ट
सर्वप्रथम प्राचीन [[यूनान|यूनानी]] विद्वान [[इरैटोस्थनिज़]] ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद [[हिरोडोटस]] तथा रोमन विद्वान [[स्ट्रैबो]] तथा [[क्लाडियस टॉलमी]] ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में '
== परिभाषा ==
* ''भूगोल पृथ्वी कि झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान हैं'' -- [[क्लाडियस टॉलमी]]
* ''भूगोल एक
'''{{मुख्य|भूगोल का इतिहास}}'''
|