"संस्कृत साहित्य": अवतरणों में अंतर

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=== वैज्ञानिकता ===
संस्कृत साहित्य अधिकांशतः अधार्मिक (या सेक्युलर) प्रकृति का है जिसे आज के युग के हिसाब से भी वैज्ञानिक कहा जा सकता है। उसमें [[गणित]] है, [[खगोलविज्ञान]] है, [[आयुर्विज्ञान]] (मेडिसिन) है, [[भाषाविज्ञान]] है, [[तर्कशास्त्र]] है, दर्शनशास्त्र है, [[रसशास्त्र]] (रसायन]] है। गणित में भी केवल अंकगणित नहीं है, ज्यामिति भी है, ठोस ज्यामिति भी, [[बीजगणित]] (अल्जेब्रा) भी, [[त्रिकोणमिति]] भी और कैलकुलस भी।
जैसा की हम जानते हैं कि परमाणु बम का आविष्कार किसी वस्तु को तोड़ कर किया गया है और उसकी शक्ति के बारे में अधिक बताने की शायद जरूरत नहीं है।
हम यहां सिर्फ यही बताने का प्रयास कर रहे हैं कि दुनिया की सारी भाषाएं तोड़ी जाती हैं लेकिन सिर्फ व्यंजन ही आधे किये जा सकते हैं लेकिन किसी भी भाषा में स्वर को आधा किया जा सकता है यह शायद असम्भव होगा लेकिन संस्कृत ऐसी भाषा है जिसमें हम 'अ' को भी आधा करके लिखते हैं अर्थात स्वर को भी तोड सकते हैं
तो जब अणु को तोड कर परमाणु बम बनाया जा सकता है तो संस्कृत जो इतनी समृद्ध भाषा है उसे विश्व की भाषा क्यों नहीं बनाया जा रहा है ?
 
=== पंथनिरपेक्षता ===