"बकरी": अवतरणों में अंतर
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== संस्कृति में ==
[[भारतीय उपमहाद्वीप]] व [[मध्य एशिया]] की लोक-संस्कृति में बकरी को डरपोक माना जाता है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=sWZXAAAAMAAJ हिन्दी विश्व-भारती: ज्ञान-विज्ञान का प्रमाणिक कोश]," कृष्ण वल्लभ द्विवेदी, ''... स्वभाव में रजब भेड़-बकरी को तरह डरपोक होता है ...''</ref> कई भाषाओं में बकरी को 'बुज़' कहते हैं और कायर व्यक्ति को 'बुज़दिल' (अर्थ: बकरी जैसा डरपोक)।<ref name="ref05ciref">[http://books.google.com/books?id=nPHfAAAAMAAJ Hindustani idioms: with vocabulary and explanatory notes, for the use of candidates for the higher standard], A. N. Phillips, pp. 44, Kegan Paul, Trench, Trubner & Co, 1892, ''... Buz-dil means 'goat-hearted,' and answers to our 'chicken-hearted' ...''</ref> इसके विपरीत 'निडर' को 'शेरदिल' भी कहा जाता है।
== बाहरी कड़ियाँ ==
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