[[चित्र:Saree on display at Dilli Haat.JPG|right|thumb|300px|रेशम की बनी परम्परागत बनारसी साड़ी]]
'''रेशम''' (Silk) प्राकृतिक प्रोटीन से बना [[रेशा]] है। रेशम के कुछ प्रकार के रेशों से वस्त्र बनाए जा सकते हैं। ये प्रोटीन रेशों में मुख्यतः [[फिब्रोइन]] (fibroin) होता है। ये रेशे कुछ कीड़ों के [[लार्वा]] द्वारा बनाया जाता है।
सबसे उत्तम रेशम [[शहतूत]] के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है।'''
== '''परिचय''' ==
'''रेशम एक प्रकार का महीन चमकीला और दृढ़ तंतु या रेशा जिससे कपड़े बुने जाते हैं। यह तंतु कोश में रहनेवाले एक प्रकार के कीड़े तैयार करते हैं। रेशम के कीड़े 'पिल्लू' कहलाते हैं और बहुत तरह के होते हैं। जैसे,—विलायती, मदरासी या कनारी, चीनी, अराकानी, आसामी, इत्यादि। चीनी, बूलू और बड़े पिल्लू का रेशम सबसे अच्छा होता है। ये कीड़े [[तितली]] की जाति के हैं। इनके कई कार्याकल्प होते हैं। अंडा फूटने पर ये बड़े पिल्लू के आकार में होते हैं और रेंगते हैं। इस अवस्था में ये पंत्तियाँ बहुत खाते हैं। शहतूत की पत्ती इनका सबसे अच्छा भोजन है। ये पिल्लू बढ़कर एक प्रकार का कोश बनाकर उसके भीतर हो जाते हैं। उस समय इन्हें 'कोया' कहते हैं। कोश के भीतर ही यह कीड़ा वह तंतु निकालता है, जिसे रेशम कहते हैं। कोश के भीतर रहने की अवधि जब पूरी हो जाती है, तब कीड़ा रेशम को काटता हुआ निकलकर उड़ जाता है। इससे कीड़े पालनेवाले निकलने के पहले ही कोयों को गरम पानी में डालकर कीड़ों को मार डालते हैं और तब ऊपर का रेशम निकालते हैं।'''