"लघुसिद्धान्तकौमुदी": अवतरणों में अंतर

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'''[[मध्यकौमुदी]]''' में पाणिनी के २३१५ सूत्रों की उदाहरण-प्रत्युदाहरण सहित सुन्दर एवं सरल व्याख्या की गई है।
 
जहाँ [[भट्टोजि दीक्षित]] कृत '''[[सिद्धान्तकौमुदी]]''' में अष्टाध्यायी के समस्त 3955३९५५ सूत्रों की विशद व्याख्या ऊहापोह एवं '''शास्त्रार्थ पद्धति''' से की गई है, वहाँ लघुकौमुदी में केवल उन्हीं सूत्रों को लिया गया है जो व्यावहारिक ज्ञान के लिए उपयोगी हैं। वैदिकी प्रक्रिया और स्वर प्रक्रिया को सर्वथा छोड़ दिया गया है। लघुकौमुदी मे व्याकरण-प्रक्रिया का सभी अपेक्षणीय विवरण वरदराज ने दिया है, यह सिद्धान्तकौमुदी का संक्षिप्त
संस्करण होते हुए भी एक विलक्षण कृति है