"भारतीय साहित्य": अवतरणों में अंतर

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इन सभी साहित्यों में अपनी-अपनी विशिष्ट विभूतियाँ हैं। तमिल का संगम-साहित्य, तेलगु के द्वि-अर्थी काव्य और उदाहरण तथा अवधान-साहित्य, मलयालम के संदेश-काव्य एवं कीर-गीत (कलिप्पाटु) तथा मणिप्रवालम् शैली, मराठी के पवाड़े, गुजराती के अख्यान और फागु, बँगला का मंगल काव्य, असमिया के बड़गीत और बुरंजी साहित्य, पंजाबी के रम्याख्यान तथा वीरगति, उर्दू की गजल और हिंदी का रीतिकाव्य तथा छायावाद आदि अपने-अपने भाषा–साहित्य के वैशिष्ट्य के उज्ज्वल प्रमाण हैं।
 
फिर भी कदाचित् यह पार्थक्य आत्मा का नहीं है। जिस प्रकार अनेक धर्मों, विचार-धाराओं और जीवन प्रणालियों के रहते हुए भी भारतीय संस्कृति की एकता असंदिग्ध है, इसी प्रकार इसी कारण से अनेक भाषाओं और अभिवयंजना-पद्धतियों के रहते हुए भी भारतीय साहित्य की मूलभूत एकता का अनुसंधान भी सहज-संभव है। भारतीय साहित्य का प्राचुर्य और वैविध्य तो अपूर्व है ही, उसकी यह मौलिकता एकता और भी रमणीय है।
 
=== जन्मकाल ===
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=== विकास के चरण ===
जन्मकाल के अतिरिक्त आधुनिक भारतीय साहित्यों के विकास के चरण भी प्रायः समान ही हैं। प्रायः सभी का आदिकाल पंद्रहवीं शती तक चलता है। पूर्वमध्यकाल की समाप्ति मुगल-वैभव के अंत अर्थात शती के मध्य में तथा सत्रहवीं शती के मध्य में तथा उत्तर मध्याकाल की अंग्रेजी सत्ता की स्थापना के साथ होती है और तभी से आधुनिक युग का आरंभ हो जाता है। इस प्रकार भारतीय भाषाओं के अधिकांश साहित्यों का विकास-क्रम लगभग एक-सा ही है; सभी प्रायः समकालीन चार चरणों में विभक्त हैं। इस समानांतर विकास-क्रम का आधार अत्यंत स्पष्ट है और वह है भारत के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन का विकास-क्रम।
 
=== समान राजनीतिक आधारभूमि ===
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== भारतीय साहित्य - एक विहंगम् दृष्टि ==
सबसे पुराना जीवित साहित्य [[ऋग्वेद]] है जो [[संस्कृत]] भाषा में लिखा गया है। [[संस्कृत]], [[पालि]], [[प्राकृत]] और [[अपभ्रंश]] आदि अनेक भाषाओं से गुज़रते हुए आज हम भारतीय साहित्य के आधुनिक युग तक पहुंचे हैं। भारत मेमें ३० से भी ज्यादा मुख्य भाषाएँ हैं और १०० से भी अधिक क्षेत्रीय भाषाएँ है। लगभग हर भाषा मेमें साहित्य का प्रचुर विकास हुआ है। भारतीय भाषाओं के साहित्य मेमें लिखित और मौखिक दोनो ही महत्वपूर्ण हैं। प्राचीन भारतीय साहित्य मेमें हिन्दू धार्मिक ग्रंथो की अहम भूमीका रही। [[वेद|वेदों]] के साथ-साथ [[रामायण]] और [[महाभारत]] जैसे महाग्रंथ प्राचीन भारत मेमें रचे गए। अन्य प्राचीन ग्रंथो मेमें [[वास्तु शास्त्र]], [[अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)|कौटिल्य अर्थ-शास्त्र]], [[पंचतंत्र]], [[हितोपदेश]] आदि प्रमुख है।
 
== इन्हें भी देखें ==