"प्रौढ़ शिक्षा": अवतरणों में अंतर
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प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य उन प्रौढ व्यक्तियों को शैक्षिक विकल्प देना है, जिन्होंने यह अवसर गंवा दिया है और औपचारिक शिक्षा आयु को पार कर चुके हैं, लेकिन अब वे साक्षरता, आधारभूत शिक्षा, कौशल विकास (व्यावसायिक शिक्षा) और इसी तरह की अन्य शिक्षा सहित किसी तरह के ज्ञान की आवश्यकता
2001 की जनगणना में पुरूष साक्षरता 75.26 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि महिला साक्षरता 53.67 प्रतिशत के अस्वीकार्य स्तर पर थी। 2001 की जनगणना ने यह भी खुलासा किया कि साक्षरता में लैंगिक और क्षेत्रीय भिन्नताएं मौजूद रही हैं। अत: प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने 11वीं योजना में दो स्कीमें नामत: साक्षर भारत और प्रौढ़ शिक्षा एवं कौशल विकास हेतु स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता की स्कीम शुरू की। साक्षर भारत, जो पूर्ववर्ती एन एल एम का नया रूपभेद है, निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किया : साक्षरता दर को 80 प्रतिशत तक बढ़ाना, लैंगिक अंतर को 10 प्रतिशत तक कम करना और महिलाओं, अजा, अजजा, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित समूहों पर फोकस के साथ क्षेत्रीय और सामाजिक विषमताओं को कम करना। साक्षरता स्तर पर ध्यान दिए बिना वाम विंग अतिवाद प्रभावित जिले सहित उन सभी जिलों, जिनमें 2001 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता दर 50 प्रतिशत से कम थी, इस कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किए जा रहे हैं।
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