"पुष्पक विमान": अवतरणों में अंतर
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|accessmonthday= |accessdate= |last= |first= |authorlink= |coauthors= |date= ९ सितंबर, २०१६|year= |month= |format= |work= |publisher= समाचार जगत|pages= |language=
|archiveurl= |archivedate= |quote= }} </ref> अन्य ग्रन्थों में उल्लेख अनुसार पुष्पक विमान का प्रारुप एवं निर्माण विधि [[अंगिरा ऋषि]] द्वारा एवं इसका निर्माण एवं साज-सज्जा देव-शिल्पी [[विश्वकर्मा]] द्वारा की गयी थी। भारत के प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों में लगभग दस हजार वर्ष पूर्व विमानों एवं युद्धों में तथा उनके प्रयोग का विस्तृत वर्णन दिया है। इसमें बहुतायत में रावन के पुष्पक विमान का उल्लेख मिलता है। इसके अलावा अन्य सैनिक क्षमताओं वाले विमानों, उनके प्रयोग, विमानों की आपस में भिडंत, अदृश्य होना और पीछा करना, ऐसा उल्लेख मिलता है। यहां प्राचीन विमानों की मुख्यतः दो श्रेणियाँ बताई गई हैं- प्रथम मानव निर्मित विमान, जो आधुनिक विमानों की भांति ही पंखों के सहायता से उडान भरते थे, एवं द्वितीय आश्चर्य जनक विमान, जो मानव द्वारा निर्मित नहीं थे किन्तु उन का आकार प्रकार आधुनिक उडन तशतरियों के अनुरूप हुआ करता था।<ref name="ट्री"> {{cite web |url=http://hindi.speakingtree.in/allslides/content-244055
|title= रावण के पास सच में था पुष्पक-विमान!
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