"पुष्पक विमान": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) छो HotCat द्वारा श्रेणी:श्रीलंका का इतिहास जोड़ी |
No edit summary टैग: 2017 स्रोत संपादन |
||
पंक्ति 32:
|language=
|archiveurl= |archivedate= |quote= }}</ref>
क्योंकि विमान गगन में अपने स्वामी की इच्छा के अनुसार भ्रमण करने में सक्षम था, अतः इसे इसके स्वामी कुबेर द्वार देवताओं को यात्रा कर के लिये भी दिया जाता था। एक बार रावण ने कुबेर से उसकी नगरी लंकापुरी एवं यह यह विमान बलपूर्वक छीन लिया था, तभी कुबेर ने वर्तमान [[तिब्बत]] के निकट नयी नगरी [[
|title=अच्छा तो यहां रखता था रावण अपना पुष्पक विमान |accessmonthday= |accessdate= |last= |first=टीम डिजिटल |authorlink= |coauthors= |date= ११ अक्तूबर, २०१३|year= |month= |format= |work= |publisher= |pages= |language=
|