"कुमारपाल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Kumarapala of Pala dynasty is a different king |
Kumarapala of Bengal's Pala dynasty is not same as the Kumarapala of Gujarat's Chaulukya dynasty |
||
पंक्ति 9:
कुमारपाल चरित संग्रह<ref>{{cite web |url=http://www.jainlibrary.org/jlib/Kumarpal_Charitrasamgraha.pdf|title=कुमारपाल चरित संग्रह|accessmonthday=[[१ फरवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= पीडीएफ़|publisher= जैनलाइब्रेरी.ऑर्ग|language=}}</ref> नामक ग्रंथ में लिखा गया है कि वह अद्वितीय विजेता और वीर राजा था। उनकी आज्ञा उत्तर में तुर्कस्थान, पूर्व में गंगा नदी, दक्षिण में विंद्याचल और पर्श्विम में समुद्र पर्यत के देशों तक थी। राजस्थान इतिहास के लेखक कर्नल टॉड ने लिखा है- 'महाराजा की आज्ञा पृथ्वी के सब राजाओं ने अपने मस्तक पर चढाई।' (वेस्टर्न इण्डिया - टॉड) वह [[जैन धर्म]] के प्रसिद्ध [[आचार्य हेमचंद्र]] का शिष्य था<ref>{{cite web |url=http://www.jainworld.com/education/juniors/junles23.htm |title= ACHARYA HEMACHANDRA|accessmonthday=[[१ फरवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher=जैनवर्लड.कॉम|language=अंग्रेज़ी}}</ref> वह जैन धर्म के प्रति गहरी आस्था रखता था और जीवों के प्रति दयालु तथा सत्यवादी था। इस परंपरा के अनुसार उसने अपनी धर्मपत्नी महारानी मोपलदेवी की मृत्यु के बाद आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत पालन किया तथा जीवन में कभी भी मद्यपान अथवा मांस का भक्षण नहीं किया। मृत्यु के समय उसकी अवस्था ८० वर्ष थी।
== सन्दर्भ ==
Line 17 ⟶ 15:
{{pp-semi-template|small=yes}}
[[श्रेणी:कुमारपाल]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
|