"कोसी नदी": अवतरणों में अंतर
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'''कोसी नदी''' ([[नेपाली]] में '''कोशी''') [[नेपाल]] में [[हिमालय]] से निकलती है और [[बिहार]] में [[भीम नगर]] के रास्ते से भारत में दाखिल होती है। इसमें आने वाली बाढ से बिहार मेंबहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को ''''बिहार का अभिशाप'''' कहा जाता है।
इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले
यह नदी उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का पालना भी है। कोशी के आसपास के क्षेत्रों को इसी के नाम पर कोशी कहा जाता है।
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[[काठमाण्डू]] से एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए जाने वाले रास्ते में कोसी की चार सहायक नदियाँ मिलती हैं। [[तिब्बत]] की सीमा से लगा नामचे बाज़ार कोसी के पहाड़ी रास्ते का पर्यटन के हिसाब से सबसे आकर्षक स्थान है। [[बागमती]], तथा [[बूढ़ी गंडक]] इसकी प्रमुख सहायक नदियों में से एक हैं।
नेपाल में यह [[कंचनजंघा]] के पश्चिम में पड़ती है। नेपाल के हरकपुर में केसी की दो सहायक नदियाँ दूधकोसी तथा सनकोसी मिलती हैं। सनकोसी, अरुण और तमर नदियों के साथ त्रिवेणी में मिलती हैं। इसके बाद नदी को सप्तकोशी कहा जाता है। बराहक्षेत्र में यह तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है और इसके बाद से इसे कोशी (या कोसी) कहा जाता है। इसकी सहायक नदियाँ एवरेस्ट के चारों ओर से आकर मिलती हैं और यह विश्व के ऊँचाई पर स्थित ग्लेशियरों (हिमनदों) के जल लेती हैं। त्रिवेणी के पास नदी के वेग से एक खड्ड बनाती है जो कोई
== कोसी बाँध ==
'''{{मुख्य|कोसी बाँध}}कोसी नदी पर सन
▲कोसी नदी पर सन १९५८ एवं १९६२ के बीच एक बाँध बनाया गया। यह बाँध भारत-नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है। इसमें पानी के बहाव के नियंत्रण के लिये ५२ द्वार बने हैं जिन्हें नियंत्रित करने का कार्य भारत के अधिकारी करते हैं। इस बाँध के थोड़ा आगे (नीचे) भारतीय सीमा में भारत ने तटबन्ध बनाये हैं।
== सन्दर्भ ==
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