"शेख मुजीबुर्रहमान": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Sheikh Mujibur Rahman in 1950.jpg|right|thumb|250px|बंगबन्धु '''शेख मुजीबुर रहमान (१९५० में)''']]
[[चित्र:Sheikh Mujibur Rahman Announcing 6 Points At Lahore.jpg|right|thumb|250px|लाहौर में '''६-बिन्दु आन्दोलन''' की घोषणा करते हुए मुजिबुर रहमान (1966)]]
[[चित्र:Sheikh Mujib giving speech 7th March.jpg|right|thumb|250px|०७ मार्च १९७१ को विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए शेख मुजीब]]
'''शेख मुजीबुर रहमान''' ([[बंगला]]: শেখ মুজিবুর রহমান) (१७ मार्च १९२० - १५ अगस्त १९७५) [[बांग्लादेश]] के संस्थापक नेता, महान अगुआ एवं प्रथम राष्ट्रपति थे। उन्हें सामान्यत: बंगलादेश का जनक कहा जाता है। वे [[अवामी लीग]] के अध्यक्ष थे। [[पाकिस्तान]] के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई। बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति बने और बाद में प्रधानमंत्री भी बने। वे 'शेख मुजीब' के नाम से भी प्रसिद्ध थे। उन्हें 'बंगबन्धु' की पदवी से सम्मानित किया गया।
 
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मुजीब के सभी तीन बेटे और उनकी पत्नी की बारी-बारी से हत्या कर दी गयी। हमले में कुल 20 लोग मारे गये थे। मुजीब शासन से बगावती सेना के जवान हमले के समय कई दस्तों में बंटे थे। अप्रत्याशित हमले में मुजीब परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं बचा। उनकी दो बेटियां संयोगवश बच गयीं, जो घटना के समय जर्मनी में थीं। उनमें एक [[शेख हसीना]] और दूसरी शेख रेहाना थीं। शेख हसीना अभी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। अपने पिता की हत्या के बाद शेख हसीना हिन्दुस्तान रहने लगी थीं। वहीं से उन्होंने बांग्लादेश के नये शासकों के खिलाफ अभियान चलाया। 1981 में वह बांग्लादेश लौटीं और सर्वसम्मति से अवामी लीग की अध्यक्ष चुन ली गयीं।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[बांग्लादेश मुक्ति युद्ध]]
*[[शेख मुजीबुर्रहमान का हत्याकाण्ड]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==