"मोती": अवतरणों में अंतर
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एक सीप लगभग 20 से 30 रुपए की आती है। बाजार में 1 मिमी से 20 मिमी सीप के मोती का दाम करीब 300 रूपये से लेकर 1500 रूपये होता है। आजकल डिजायनर मोतियों को खासा पसन्द किया जा रहा है जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। भारतीय बाजार की अपेक्षा विदेशी बाजार में मोतिओ का निर्यात कर काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। तथा सीप से मोती निकाल लेने के बाद सीप को भी बाजार में बेंचा जा सकता है। सीप द्वारा कई सजावटी सामान तैयार किये जाते है। जैसे कि सिलिंग झूमर, आर्कषक झालर, गुलदस्ते आदि वही वर्तमान समय में सीपों से कन्नौज में इत्र का तेल निकालने का काम भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। जिससे सीप को भी स्थानीय बाजार में तत्काल बेचा जा सकता है। सीपों से नदीं और तालाबों के जल का शुद्धिकरण भी होता रहता है जिससे जल प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है।
सूखा-अकाल की मार झेल रहे किसानों एवं बेरोजगार छात्र-छात्राओं को मीठे पानी में मोती संवर्धन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए क्योंकि मोतीयों की मांग देश विदेश में बनी रहने के कारण इसके खेती का भविष्य उज्जवल प्रतीत होता है। भारत के अनेक राज्यों के नवयुवकों ने मोती उत्पादन को एक पेशे के रूप में अपनाया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य में भी मोती उत्पादन की बेहतर संभावना है। मोती संवर्द्धन से सम्बधित अधिक जानकारी के लिए
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