"नौकर बीवी का (1983 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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==कहानी==
अमर नाथ का परिवार बहुत अमीर होता है, फिर भी वह पुलिस अफसर बन जाता है। उसके बाद कुछ गुंडों को पकड़ कर हवालात में डाल देता है। उसके बाद उन गुंडों को कई वर्षों की सजा सुनाई जाती है। अपने पिता के मर्जी के खिलाफ हो कर वह शीला शर्मा से शादी कर लेता है। उसके मर्जी के बिना वो दोनों शादी कर लेते हैं, इस कारण वह दोनों को घर से बाहर कर देता है।
दोनों बाद में एक बच्ची को जन्म देते हैं, जिसका नाम ज्योति रखते हैं। वे दोनों उसकी शादी बचपन में ही दीपक से तय कर देते हैं। तभी एक अपराधी, जिसे अमर ने ही पकड़ा था, वह कैद से बाहर भागने में सफल हो जाता है और निकलने के बाद अमर और शीला का खून कर देता है। उन दोनों की बेटी को अब्दुल बचा लेता है और जागीरदार के पास ले जाता है। वह उसे अपने पास पालने के लिए रख लेता है।
कुछ वर्षों के बाद ज्योति और दीपक, दोनों बड़े हो जाते हैं। ज्योति अब अपने अमीर दादाजी के पास रहती है और दीपक के पिता की मृत्यु हो जाये रहती है। दोनों की शादी बचपन में तय की गई थी, इस कारण जब दीपक इस बारे में ज्योति से बोलता है तो ज्योति उसे बहुत उल्टा सीधा बोलती है और उसका मजाक उड़ाती है। इस कारण क्रोध में दीपक ने ज्योति के मित्र को थप्पड़ मार देता है और उसके बाद ज्योति उसे थप्पड़ मार देती है। दीपक इसके बाद उससे बदला लेना चाहता है और यह भी चाहता है कि वह माफी मांगे और शादी के लिए भी हाँ कह दे। लेकिन ज्योति पहले से ही एक अमीर लड़के, रमन से प्यार करते रहती है। इसके बाद दीपक एक प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म अभिनेत्री संध्या से मिलता है, जो उससे प्यार करने लगती है।
== कलाकार ==
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