"विराटनगर, राजस्थान": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 65:
'''विराट नगर (बैराठ)''' [[राजस्थान]] [[प्रान्त]] के [[जयपुर]] जिले का एक [[शहर]] है। इसका पुराना नाम बैराठ है। विराट नगर [[राजस्थान]] में उत्तर मे स्थित है। यह [[नगरी]] प्राचीन [[मत्स्य राज]] की [[राजधानी]] रही है। चारो और सुरम्य पर्वतों से घिरे प्राचीन मत्स्य देश की राजधानी रहे विराटनगर में पुरातात्विक अवशेषों की सम्पदा बिखरी पड़ी है या भूगर्भ में समायी हुई है।
 
[[विराट नगर]] [[अरावली]] की पहाडियों के मध्य में बसा है। राजस्थान के [[जयपुर]] जिले में शाहपुरा सेके अलवर-जयपुर रोड के उत्तर-पूर्व की तरफ 25 किलोमीटर दूर विराट नगर कस्बा अपनी पौराणिक ऐतिहासिक विरासत को आज भी समेटे हुए है।
 
'''विराटनगर''' नाम से प्राय: लोगों को भ्रम हो जाता है। विराटनगर नामक एक क़स्बा नेपाल की सीमा में भी है। किन्तु नेपाल का विराट नगर, महाभारत कालीन विराटनगर नहीं है। पावनधाममहाभारतकालीन गौरव में आराध्यदेव भगवान श्री पञ्चखंडपीठकेशवराय सेका मंदिर,जिसमे 3 ही कृष्ण एवम् 3 ही विष्णु की प्रतिमाये स्थित है । 64 खम्बे व108 टोड़ी है। ये केशवराय मंदिर विश्व दर्शन के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।इस सम्बन्ध विराटनगर पौराणिक, प्रगेतिहासिक, महाभारतकालीन तथा गुप्तकालीन ही नहीं मुगलकालीन महत्वपूर्ण घटनाओ को भी अपने में समेटे हुए, राजस्थान के जयपुर और अलवर जिले की सीमा पर स्थित है विराटनगर में पौराणिक शक्तिपीठ, गुहा चित्रों के अवशेष, बोद्ध माथों के भग्नावशेष, अशोक का शिला लेख और मुगलकालीन भवन विद्यमान है। अनेक जलाशय और कुंड इस क्षेत्र की शोभा बढा रहे है। प्राकर्तिक शोभा से प्रान्त परिपूर्ण है। विराटनगर के निकट सरिस्का राष्ट्रीय व्याघ्र अभ्यारण, भर्तृहरी का तपोवन, पाण्डुपोल नाल्देश्वर और सिलिसेढ़ जैसे रमणीय तथा दर्शनीय स्थल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते है। यहा के दर्शय दर्शनीय स्थलो में प्रसिद्ध श्रीकेश्वराय मंदिर नगर के मध्य आकर्षक का केंद्र है ।जिसमे भगवान केशव एवम् विष्णु के साथ कोई देवी (शक्ति) नही है ।भगवान केशव का जो रूप महाभारत में था ।उसी स्वरूप में भगवन श्रीकृष्ण का मंदिर दर्शनीय है ।जो विराटनगर पर्यटन नगरी में सुविख्यात है।
 
== इतिहास ==